कैसे 42 साल पहले बना खूंखार आतंकी संगठन हमास, क्यों इजरायल के लिए चुनौती, जानें गाजा की 75 साल पुरानी जंग का इतिहास

Hamas History: गाजा पट्टी पर कब्जा जमाए हमास और इजरायल के बीच संघर्ष का इतिहास लंबा रहा है. अमेरिका का 20 सूत्रीय प्लान कारगर होगा या नहीं, ये देखने वाली बात है.

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Hamas
नई दिल्ली:

फलस्तीनी क्षेत्र में हमास के खिलाफ इजरायल का सैन्य अभियान दो सालों से जारी है. चरमपंथी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर जमीनी और हवाई रास्ते से जो हमला बोला था, उसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए और दो सौ से ज्यादा इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया गया था. अमेरिका ने 20 बिंदुओं का जो गाजा पीस प्लान पेश किया है, उस पर इजरायल के बाद आतंकी संगठन हमास ने भी रजामंदी दिखाई है. लेकिन हमास क्या है, ये कैसा इतना खूंखार आतंकी संगठन बना... इसकी कहानी आइए आपको बताते हैं.... 

हमास फलस्तीन इलाके का सबसे हथियारबंद इस्लामिक चरमपंथी संगठन है, जो 1987 में पहले इंतिफादा (जन आंदोलन) के दौरान अस्तित्व में आया. वो तभी से इजरायली सेना के खिलाफ लगातार हमले करता आ रहा है. हमास इजराइल को एक देश के तौर मान्यता नहीं देता. ये चरमपंथी संगठन पूरे फलस्तीनी इलाके में इस्लामिक देश बनाने की मुहिम चला रहा है.हमास की स्थापना उसके मुखिया शेख अहमद यासीन ने की थी, जिन्होंने इस संगठन को राजनीतिक और दूसरी हथियारबंद गुरिल्ला लड़ाकों के गुट में बांटा. हमास की राजनीतिक शाखा गाजा पट्टी में स्कूल-अस्पताल और अन्य कल्याणकारी कामों में जुटी रहती है. जबकि हथियारों से लैस लड़ाके इजरायली ठिकानों और सैनिकों पर हमला करते हैं. 

हमास ने सितंबर 2000 में दूसरे इंतिफादा के बाद से इजरयाल में कई भीषण आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया. हमास नेता याह्या अय्याश की हत्या की मौत का बदला लेने के लिए हमास लड़ाकों ने 1996 में इजरायल में कई बड़े बम धमाके किए, जिसमें 60 से ज्यादा लोग मारे गए और इसमें ज्यादातर यहूदी थी. इससे अरब देशों में चल रही मिडिल ईस्ट शांति के प्रयासों को भी झटका लगा. इजरायल के तत्कालीन पीएम शिमोन पेरेज चुनाव हार गए. हमास के लड़ाकों की तादाद हजारों में बताई जाती है. इसमें बम धमाकों, आत्मघाती हमलों में प्रशिक्षित लड़ाकों के अलावा रॉकेट और ड्रोन से हमले करने वाले ट्रेंड सदस्य शामिल हैं. 

आरोप है कि ईरान इजरायल विरोधी हमास को हथियार और अन्य तरीकों से मदद करता है. ईरान पर हमास के अलावा लेबनान के सशस्त्र गुट हिजबुल्ला, यमन के हुती विद्रोहियों को भी ऐसी ही मदद देने का आरोप है. ये सारे हथियारबंद संगठन इजरायल पर हमले करते रहे हैं. हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की भी ये बड़ी वजह रहा.  

शेख अहमद यासीन को 1997 में यहूदी बंधकों और इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के कुछ एजेंटों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था. जोरदार प्रभावशाली भाषण देने वाले यासीन का पूरे फलस्तीन इलाके में काफी प्रभाव खासकर युवाओं पर रहा है. उसके भड़काऊ बयानों के बाद कई बार हालत बिगड़ी है. 

फलस्तीन में शांति खटाई
फलस्तीन में जब यासिर अराफात की अगुवाई में फलस्तीनी अथॉरिटी का शासन कायम हुआ तो हमास को चुनौती मिली. तब उसने गाजा पट्टी पर कब्जा जमा लिया. अराफात के लोकतांत्रिक तरीके से अलग हमास ने इजरायल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष को जारी रखा है. इजरायल के हमास के खिलाफ ताजा सैन्य कार्रवाई के दौरान गाजा में करीब 60 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. हमास ने फलस्तीनी प्राधिकरण को पूरे इलाके की राष्ट्रीय सरकार के तौर पर मान्यता देने और हिंसा खत्म करने की अपील भी ठुकरा दी. उसने ओस्लो शांति समझौते को भी खारिज कर दिया. हमास ने कई आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया, लेकिन इजरायल ने चुन-चुनकर उसके कमांडरों को ढेर कर दिया है.

गाजा पट्टी कहां है
गाजा पट्टी भूमध्य सागर के किनारे व्यापारिक और समुद्री मार्ग से जुड़ा एक तटीय इलाका है।. इजरायल और दूसरी ओर मिस्र से ये घिरा है. गाजा वर्ष 1917 तक ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था. फिर अंग्रेजों ने यहां कब्जा जमाया जो 1948 में खत्म हुआ। उसके बाद से मिस्र और इजरायल के नियंत्रण में ये इलाका रहा.इस इलाके में कभी 20 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी रहते थे, लेकिन सैन्य अभियान के बाद से इसकी संख्या आधी रह गई है.

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इजरायल का जन्म
ब्रिटेन ने औपनिवेशिक शासन के दौरान मध्यपूर्व के एक बड़े इलाके में कब्जा रखा था, जिसमें फलस्तीन भी था. अंग्रेजों के जाने के बाद यहूदी और अरब देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया और मई 1948 में इजरायल की स्थापना हुई. हजारों फलस्तीनियों ने गाजा में शरण ली. मिस्र की सेना ने युद्ध के वक्त गाजा पट्टी पर कब्जा जमा लिया.

अरब देशों में गुस्सा
इजरायल की 1948 में स्थापना को लेकर हुई जंग के दौरान इजरायल ने अरब देशों को हरा दिया. मिस्र की सेना से काफी हिस्सा छिन गया. भूमध्य सागर के बीच एक छोटे से इलाके पर उसका नियंत्रण बचा रहा, जिसे गाजा पट्टी कहा गया. मिस्र ने 1967 तक यहां नियंत्रण रखा, लेकिन फलिस्तीनियों को नागरिक नहीं माना. 

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इजरायल से दोबारा जंग
इजरायल और मिस्र के बीच दोबारा युद्ध के बाद 1967 में इजरायल ने गाजा पट्टी को हासिल कर लिया. इजरायल ने वेस्ट बैंक और यरुशलम पर भी कब्जा मजबूत कर लिया.उसने यहां बस्तियां भी बनवाईं.फिर गाजा में इजरायल के खिलाफ आवाज उठने लगीं और 1987 में हमास का जन्म हुआ.
 

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