पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने बसों से यात्रियों को उतारकर और उनके पहचान पत्र देखने के बाद कम से कम 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना बलूचिस्तान के मूसाखेल जिले में हुई. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयूब खोसो ने बताया कि एक प्रतिबंधित समूह के आतंकवादियों ने मूसाखेल जिले के राराशिम इलाके में एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और 23 यात्रियों को बस से उतारा. बहरहाल, उन्होंने संगठन का नाम नहीं बताया.
खोसो ने बताया, "मृतकों में से ज्यादातर लोग दक्षिणी पंजाब के और कुछ खैबर पख्तूनख्वा के हैं जिससे पता चलता है कि उनकी जातीय पृष्ठभूमि के कारण उनकी हत्या की गयी है." उन्होंने बताया कि हथियारबंद आतंकवादियों ने आसपास के पर्वतीय क्षेत्र में फरार होने से पहले राजमार्ग पर करीब 12 वाहनों में आग लगा दी. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शवों को अस्पताल ले जाया गया. बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवाद की इस घटना की कड़ी निंदा की है.
उन्होंने आतंकवाद के कायरतापूर्ण कृत्य में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं. बुगती ने कहा कि आतंकवाद और उनके मददगार बच नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान सरकार आतंकवादियों को पकड़ लेगी. मूसाखेल में हमले से करीब चार महीने पहले पंजाब के लोगों को निशाना बनाते हुए ऐसा ही हमला किया गया था. अप्रैल में नोश्की के समीप एक बस से नौ यात्रियों को उतारा गया था और बंदूकधारियों ने उनके पहचान पत्र देखने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया था.
पिछले साल अक्टूबर में अज्ञात बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान में केच जिले के तुरबत में पंजाब के छह श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ऐसी ही एक घटना 2015 में भी हुई थी जब बंदूकधारियों ने तुरबत के समीप एक श्रमिक शिविर पर हमला कर 20 लोगों की हत्या कर दी थी.