ट्रंप के ग्रीनलैंड वाले सपने पर फिरा पानी ! दुनिया की सबसे कम आबादी वाले देश ने दे डाली ये धमकी

Greenland: ग्रीनलैंड में अमेरिका की दिलचस्पी की कई वजह हैं, पहली यह कि ये द्वीप उत्तरी अमेरिका से यूरोप तक के सबसे छोटे मार्ग पर स्थित है. दूसरी वजह ये कि यहां पर दुर्लभ खनिजों के कुछ सबसे बड़े भंडार हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ग्रीनलैंड की डोनाल्ड ट्रंप को धमकी.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नजर डेनमार्क के स्वशासित क्षेत्र और दुनिया के सबसे बड़े द्वीप ग्रीनलैंड (Greenland Row) पर है. 5 मार्च को अमेरिकी संसद से एक बार फिर से उन्होंने ग्रीनलैंड को हासिल करने का ऐलान कर दिया. उन्होंने धमकी भरे टोन में ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल होने का न्योता दिया. वह लगातार इस कोशिश में हैं कि इस द्वीप को अमेरिका में मिलाया जा सके. लेकिन ग्रीनलैंड ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया. वहीं डेनमार्क ने भी ट्रंप की इन कोशिशों को खारिज कर साफ-साफ कहा है कि ये द्वीप कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा. 

ये भी पढ़ें- अवैध क्रॉसिंग, टैरिफ, ग्रीनलैंड, रिले एक्ट.... अमेरिकी संसद में ट्रंप की 10 बड़ी बातें पढ़ें

"ग्रीनलैंड सिर्फ यहां रहने वाले लोगों का है"

 ट्रंप के बयान पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि ग्रीनलैंड का भविष्य क्या होगा, ये तय करने का अधिकार सिर्फ यहां के लोगों के पास है. उन्होंने कहा कि  ग्रीनलैंड यहां रहने वाले लोगों का है. अपने इस रुख को लेकर वह दृढ़ हैं.

डेनमार्क तो पहले भी कह चुका है कि ग्रीनलैंड बेचा नहीं जा सकता. वहीं ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री का कहना है कि यहां के लोग न तो डेनिश बनना चाहते हैं और न ही अमेरिकी. अमेरिका को ये बात समझनी चाहिए कि हम लोग ग्रीनलैंडर्स हैं. 

"ग्रीनलैंड अमेरिका का हिस्सा कभी नहीं..."

वहीं ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने भी ट्रंप के दावे को खारिज कर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ग्रीनलैंड के लोग अमेरिका का हिस्सा नहीं बनना चाहते. उनकी इसी बात को डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सन ने भी दोहराया. उन्होंने भी कहा कि ग्रीनलैंड अमेरिका का हिस्सा कभी नहीं बनेगा. उन्होंने पहले भी कहा था कि ग्रीनलैंड वहां के लोगों का है और बिकाऊ नहीं है.

Advertisement

ग्रीनलैंड पर ट्रंप ने क्या कहा था?

  • ट्रंप ने ग्रीनलैंड को लेकर कहा कि वहां के लोगों को अपना फ्यूचर तय करने का अधिकार है.
  • अगर वे अमेरिका से जुड़ते हैं तो उनका फ्यूचर और ज्यादा अच्छा हो जाएगा.
  • उन्होंने धमकी वाले टोन में ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल होने का न्योता दिया था.
  • उन्होंने कहा था कि हम इस तरह से या उस तरह से ग्रीनलैंड को ले ही लेंगे.
  • ट्रंप ने कहा था कि किसी भी कीमत पर वह ग्रीनलैंड को हासिल करके रहेंगे.
  • सुरक्षा के लिहाज ग्रीनलैंड अमेरिका के लिए बहुत जरूरी है.

ग्रीनलैंड में क्यों है ट्रंप की दिलचस्पी?

ग्रीनलैंड में अमेरिका की दिलचस्पी की कई वजह हैं, पहली यह कि ये द्वीप उत्तरी अमेरिका से यूरोप तक के सबसे छोटे मार्ग पर स्थित है. यहां पर दुर्लभ खनिजों के कुछ सबसे बड़े भंडार हैं, जो बैटरी और उच्च तकनीक वाले उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं.ग्रीनलैंड में एक बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा भी है.

Advertisement

क्या ग्रीनलैंड को खरीदना है आसान? 

ट्रंप हमेशा से ही ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने पर विचार करते रहे हैं. दरअसल प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने अमेरिका के ग्रीनलैंड खरीदने के विचार को खारिज कर दिया था. जिसके बाद ट्रंप ने 2019 में अपनी डेनमार्क की यात्रा रद्द कर दी थी. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने हाल ही में डेनिश टीवी से कहा था कि 'ग्रीनलैंड, यहां के लोगों का है' और सिर्फ स्थानीय आबादी ही इसके भविष्य को तय कर सकती है. यह बिकाऊ नहीं है. 
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Iran Israel War में America की Entry से होगा तीसरा विश्व युध्द? | Donald Trump | Benjamin Netanyahu
Topics mentioned in this article