गाजा में कैसे तैनात होगी इंटरनेशनल फोर्स? आज UN सुरक्षा परिषद में वोटिंग- पुतिन इस वजह से कहीं वीटो न कर दें

अमेरिका का मसौदा प्रस्ताव गाजा में इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स (ISF) की तैनात को अधिकृत करता है. समझिए की रूस को इससे क्या आपत्ति है.

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  • UN सुरक्षा परिषद में अमेरिका के गाजा में इंटरनेशनल फोर्स तैनाती के प्रस्ताव पर 17 नवंबर को वोटिंग होगी
  • अमेरिका ने चेतावनी दी है कि प्रस्ताव पास न होने पर गाजा में नई लड़ाई शुरू हो सकती है
  • नए प्रस्ताव में फिलिस्तीनी देश बनने की संभावना का उल्लेख है जिसे इजरायल ने पूरी तरह खारिज किया है
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार, 17 नवंबर को अहम वोटिंग होने वाली है. यहां डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना, विशेष रूप से गाजा में एक इंटरनेशनल फोर्स की तैनाती को बढ़ावा देने वाले अमेरिका के मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार वाशिंगटन ने चेतावनी दी है कि अगर इस प्रस्ताव को पास नहीं किया तो गाजा में नए सिरे से लड़ाई हो सकती है.

7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले से शुरू हुई दो साल की लड़ाई के बाद गाजा पट्टी काफी हद तक मलबे में तब्दील हो गई है. अब ट्रंप के शांति प्लान के अनुसार वहां सीजफायर लागू हुई है लेकिन रुक-रुककर इजरायल हमला कर रहा है.

एएफपी के अनुसार अमेरिका का मसौदा प्रस्ताव गाजा में इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स (ISF) की तैनात को अधिकृत करता है. यह फोर्स गाजा के बॉर्डर क्षेत्रों को सुरक्षित करने और गाजा पट्टी में हमास से हथियार रखवाने में मदद करने के लिए इजरायल और मिस्र और नई- नई ट्रेनिंग ले रही फिलिस्तीनी पुलिस के साथ काम करेगी.

इस नए प्रस्ताव में नया क्या है?

पिछले मसौदे के विपरीत, नए प्रस्ताव में इस बात का भी जिक्र है कि भविष्य में संभावित फिलिस्तीनी देश बनाया जा सकता है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार मसौदे में कहा गया है कि एक बार जब फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने अनुरोधित सुधारों को पूरा कर लिया है और गाजा का पुनर्निर्माण हो गया, तो "फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और देश के लिए एक विश्वसनीय रास्ते की स्थितियां आखिरकार बन सकती हैं."

हालांकि भविष्य में ऐसा कुछ होगा, इसे इजरायल ने दृढ़ता से खारिज कर दिया है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक कैबिनेट बैठक में कहा, "किसी भी क्षेत्र पर फिलिस्तीनी देश को लेकर हमारा विरोध नहीं बदला है."

क्या रूस वीटो करेगा?

वीटो पावर रखने वाले रूस ने एक अलग मसौदा सामने रखा है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने जो प्रस्ताव रखा है, वह फिलिस्तीनी देश के निर्माण की दिशा में पर्याप्त नहीं है.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार रूस ने अपने मसौदा प्रस्ताव में UN सुरक्षा परिषद से दो-राज्य समाधान (टू स्टेस सॉल्यूशन) के दृष्टिकोण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता जाहिर करने के लिए कहा है. कई राजनयिकों ने एएफपी को बताया कि रूसी आलोचना और अन्य सदस्य देशों की ओर से झिझक के बावजूद, उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी मसौदा अपनाया जाएगा.

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