'नरक के दरवाजे' की धधकती आग हो रही शांत, जानिए धरती के रहस्यम जगह की पूरी कहानी

वैज्ञानिकों के अनुसार इस गड्ढे में बीते 53 साल से आग धधक रही थी. बताया जाता है कि इस गड्ढे के नीचे नेचुरल गैस का भंडार था.

Advertisement
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

धरती पर एक ऐसी जगह भी है जिसे नरक का दरवाजा कहकर बुलाया जाता है. इस जगह को इस नाम से क्यों जाना जाता है ये जानना भी बेहद खास है. नरक का दरवाजा के नाम से चर्चित ये जगह तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से 260 किलोमीटर उत्तर में काराकुम रेगिस्तान में स्थित है. दरअसल, ये एक विशाल गड्ढा है जिसमें बीते 53 सालों से आग धधक रही है. लगातार धधक रही इस आग की वजह से इसे नरक का दरवाजा यानी  गैस क्रेटर कहकर पुकारते हैं. इस गड्ढे का तापमान 1000 डिग्री रहता है.

हालांकि, बीते कुछ सालों में इस गड्ढे से निकलने वाली आग की लपटों में कमी जरूर आई है.ऐसा लग रहा है कि अब धीरे-धीरे करके ही सही लेकिन इसकी लपटें शांत पड़ रही हैं.अब ऐसे में ये जानना बेहद खास है कि आखिर इस गड्ढे के नीचे ऐसा क्या है जिसके कारण यहां 53 सालों से लगातार आग धधक रही है. 

आखिर किस वजह से धधक रही है आग

इस गड्ढे में बीते 53 सालों से आग धधक रही है. वैज्ञानिकों के अनुसार ये गड्ढा मीथेन और आग से भरा 229 फीट चौड़ा और तकरीबन 65 फीट गहरा गड्ढा है. ऐसा कहा जाता है कि यहां सबसे पहली बार 1971 में सोवियत संघ के वैज्ञानिकों की ड्रिलिंग की वजह से आग लगी थी. उस समय जो आग लगी वो आज तक यूं ही जल रही है. ऐसा माना जाता है कि इस गड्ढे के नीचे प्राकृतिक गैस का एक भंडार है और इसी वजह से  यहां आग लगातर जल रही है. 

तुर्कमेनिस्तान बंद करना चाहता है ये आग 

इस गड्ढे को बंद करने के लिए तुर्कमेनिस्तान की सरकार ने एक विशेष योजना की घोषणा का ऐलान किया है. हालांकि, ये भी तय है कि जब तक इस गड्ढे की आग खुद ब खुद बंद ना हो तब तक इसे बंद कर पाना आसान नहीं होगा. जिस इलाके में ये गड्ढा है वह इलाका प्राकृतिक गैस और अत्यधिक तेल उत्पादक का भंडार है. ये क्षेत्र में तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान में फैला हुआ है. 

Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में विधानसभा चुनाव की Voting से कहां बढ़ी हलचल