G-7 देशों ने Russia को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का लिया संकल्प, शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर गूंजा यूक्रेन का मुद्दा

G7 देशों के नेताओं ने 'जब तक आवश्यक हो', तब तक यूक्रेन का समर्थन करने के लिए एकजुट रुख अपनाया और कहा कि वे युद्ध को वित्तपोषित करने वाले तेल की बिक्री से रूस की आय को सीमित करने के लिए दूरगामी कदमों की संभावना का पता लगाएंगे.

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G7 देशों के समूह में दुनिया के 7 ताकतवर लोकतांत्रित देश शामिल हैं (File Photo)
एल्माउ (जर्मनी):

विश्व के सबसे धनी लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने रूस (Russia) के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन (Ukraine) का समर्थन करने का मंगलवार को संकल्प लिया. G7 देशों के नेताओं ने 'जब तक आवश्यक हो', तब तक यूक्रेन  का समर्थन करने के लिए एकजुट रुख अपनाया और कहा कि वे युद्ध को वित्तपोषित करने वाले तेल की बिक्री से रूस की आय को सीमित करने के लिए दूरगामी कदमों की संभावना का पता लगाएंगे. सात देशों के इस समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. 

जर्मनी में जी 7 देशों के शिखर सम्मेलन के बाद जारी बयान में इस बात का विवरण नहीं है कि जीवाश्म ईंधन की कीमत पर लगी सीमा व्यावहारिक रूप से कैसे लागू होगी. समूह के सदस्य देश एक निश्चित स्तर से ऊपर रूसी तेल के आयात को रोकने के उपायों की तलाश करने के लिए आने वाले हफ्तों में और अधिक चर्चा करेंगे. इससे रूसी आय का एक प्रमुख स्रोत प्रभावित होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही ऊर्जा की कीमतों से राहत दिलाएगा.

नेताओं ने रूसी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने और उन देशों को मदद देने पर सहमति जतायी जो काला सागर के रास्ते यूक्रेनी अनाज का परिवहन रुकने से प्रभावित हैं.

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