भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने हटाया रेड कॉर्नर नोटिस, जानिए क्या है इसका मतलब

मेहुल चोकसी ने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ कथित तौर पर भारत में 2 अरब अमेरिकी डॉलर की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी की साजिश रची थी. चोकसी का नाम रेड कॉर्नर नोटिस से हटाते समय इंटरपोल ने कथित अपहरण का जिक्र किया है.

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मेहुल चोकसी ने हाल ही में भारत सरकार को पार्टी बनाते हुए एंटीगुआ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी.
नई दिल्ली:

इंटरनेशनल पुलिस यानी इंटरपोल (Interpol) ने भगोड़े मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के खिलाफ 2 अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (PNB Scam) धोखाधड़ी मामले में रेड नोटिस हटा दिया है. मेहुल चोकसी को दिसंबर 2018 में रेड नोटिस में जोड़ा गया था. भारत सरकार ने इंटरपोल की वॉन्टेड लिस्ट से चोकसी का नाम हटाने का "जोरदार विरोध" किया, लेकिन वैश्विक नीति निकाय आश्वस्त नहीं था. सीबीआई अधिकारियों ने इंटरपोल के फैसले पर पूछे गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

मेहुल चोकसी ने हाल ही में भारत सरकार को पार्टी बनाते हुए एंटीगुआ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा कर लिया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए. रेड कॉर्नर नोटिस के हटने का मतलब है कि चोकसी अब दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है.

अपने आदेश में इंटरपोल ने कहा कि इस बात की विश्वसनीय संभावना है कि आवेदक का एंटीगुआ से डोमिनिका में अपहरण का अंतिम उद्देश्य आवेदक को भारत भेजना था. इंटरपोल ने कहा कि मेहुल चोकसी को वापस लौटने पर "निष्पक्ष परीक्षण या उपचार प्राप्त नहीं करने" के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है. 

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चोकसी की तरफ से जारी किया गया बयान
इंटरपोल के इस फैसले के बाद मेहुल चोकसी के प्रवक्ता का भी बयान आया है. बयान में कहा गया, "एंटीगुआन पुलिस की रिपोर्ट और एंटीगुआ में चल रही हाई कोर्ट की कार्यवाही में चोकसी द्वारा पेश किए गए सबूत, भारत सरकार द्वारा अपहरण, यातना और प्रस्तुतीकरण के राज्य प्रायोजित मामले के एक खतरनाक मामले की ओर इशारा करते हैं. ये रेड कॉर्नर नोटिस का हटाया जाना इन चिंताओं को मजबूत करता है."
 

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प्रत्यर्पण अनुरोध पर असर नहीं
इंटरपोल के एक्शन से परिचित लोगों ने कहा कि चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा से अपने कथित अपहरण का हवाला देते हुए अपने रेड नोटिस की समीक्षा के लिए पिछले साल वैश्विक निकाय से संपर्क किया था. हमने (भारत) इंटरपोल में उनके आरोपों का जोरदार विरोध किया और कहा कि अगर उनका रेड नोटिस हटा दिया जाता है, तो वह एंटीगुआ से भाग सकते हैं. इंटरपोल रेड नोटिस हटाने से हमारी जांच या एंटीगुआ में हमारे प्रत्यर्पण अनुरोध पर कोई असर नहीं पड़ता है.

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2017 में एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता ली थी
14500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी चोकसी जनवरी 2018 में विदेश भाग गया था. बाद में पता चला कि वह 2017 में ही एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता ले चुका था. पीएनबी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसिया चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं. मेहुल चोकसी खराब सेहत का हवाला देकर भारत में पेशी पर आने से इनकार कर चुका है. कभी-कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी पेशी होती है. भारत में उसकी कई संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं.

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2 साल पहले हुआ था डोमिनिका में गिरफ्तार
2 साल पहले उसे डोमिनिका में घुसने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहां की कोर्ट और सरकार ने उसे कुछ दिन हिरासत में रखने के बाद वापस एंटीगुआ के हवाले कर दिया था. इसकी वजह यह थी कि वो तकनीकि तौर पर एंटीगुआ का ही नागरिक है.

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