सुंदर पिचाई से सत्या नडेला तक, भारतीय मूल के इन सीईओ ने विश्न में बढ़ाई भारत की ताकत

21वीं सदी में भी भारतीय अपने हुनर के दम पर दुनिया को आगे ले जा रहे हैं. इस खबर में आपको बताएंगे उन सीईओ के बारे में जिन्होंने विश्व में भारत की ताकत को सभी के सामने रखा है.

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भारत कई समय से विश्व गुरू रहा है. हमने विश्व को बहुत स्कॉलर्स दिए हैं. साथ ही भारत से ऐसे शख्स निकले हैं जिन्होंने दुनिया को मैनेजमेंट सिखाया है. इसके अलावा टेक्निकल और कल्चरर मामले में भी भारत किसी से पीछे नहीं रहा है. उदाहरण के लिए स्वामी विवेकानंद, राजा राम मोहन रॉय, चाणक्य और प्रभावशाली महात्मा गांधी को देख सकते हैं. वहीं 21वीं सदी में भी भारतीय अपने हुनर के दम पर दुनिया को आगे ले जा रहे हैं. इस खबर में आपको बताएंगे उन सीईओ के बारे में जिन्होंने विश्व में भारत की ताकत को सभी के सामने रखा है.

सुंदर पिचाई

किसी भी कंपनी का सीईओ बनना अपने आप में एक अचीवमेंट है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी का सीईओ बनना एक ऐतिहासिक पल हो सकता है. ठीक ऐसा ही साल 2015 में सुंदर पिचाई के साथ हुआ, जब वो गूगल कंपनी के सीईओ बने. सुंदर पिचाई का जन्म साल 1972 में चेन्नई में हुआ था. भारत के एक मीडिल क्लास परिवार में जन्मे सुंदर पिचाई अपने व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मिली स्कॉलरशिप से आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चले गए. सुंदर ने अपने करियर की शुरूआत प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर की थी. सुंदर पिचाई के सीईओ बनने के बाद गूगल के रेवेन्यू में कमाल की ग्रोथ हुई. गूगल के स्टॉक्स प्राइस सुंदर पिचाई के आने के बाद 90 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. 

सत्य नडेला

सत्य नडेला साल 2014 में उस वक्त माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बनाए गए जब कंपनी अपने बुरे दौर से गुजर रही थी. माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने के बाद सत्य नडेला ने कंपनी में कई नए बदलाव किए, जिसकी वजह से कंपनी के स्टॉक्स पॉजिशन में एक पॉजिटिव असर देखने को मिला. ओपन सोर्स प्रोजेक्ट के जरिए माइक्रोसॉफ्ट वापस से अपनी पॉजिशन हासिल करने में कामयाब हुई. सत्य नडेला का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था. उन्होंने मणिपाल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है. 

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शांतनु नारायण

शांतनु नारायण अभी के समय में एडोब कंपनी के सीईओ हैं. साल 2005 में शांतनु नारायण इस कंपनी के प्रेसिडेंट बने थे. इसके बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए उन्होंने कंपनी के सीईओ बनने तक का रास्ता तया किया. साल 2019 में शांतनु नारायण को पद्मश्री के सम्मान से नवाजा गया था. साल 1962 में तेलंगाना के हैदराबाद में शांतनु नारायण का जन्म हुआ था. शांतनु ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से बैचलर्स की पढ़ाई पूरी की है. 

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संजय मेहरोत्रा

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पले-बढ़े संजय मेहरोत्रा आज के समय माइक्रोन टेक्नोलॉजी कंपनी के सीईओ हैं. इसके अलावा संजय मेहरोत्रा 1988 में बनी सेनडिस्क के को-फाउंडर भी हैं. साल 2016 तक संजय मेहरोत्रा उसके सीईओ भी रह चुके हैं. संजय ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से हासिल की है. संजय मेहरोत्रा ने सेमी-कंडक्टर इंड्रस्टी में 30 साल से ज्यादा समय काम किया हुआ है. 

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अरविंद कृष्णा

अरविंद कृष्णा के बारे में हो सकता है आप ज्यादा नहीं जानते हों. साल 2020 में अरविंद कृष्णा IBM कंपनी के सीईओ बने थे. अरविंद IIT के स्टूडेंट रहे हैं. साल 1962 में अरविंद कृष्णा का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था. अरविंद कृष्णा की IBM में दी हुई स्पीच बहुत फेमस हुई थी. अरविंद IBM के साथ साल 1990 से जुड़े हुए हैं. तब ये सिर्फ 28 साल के थे.  

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जॉर्ज कुरियन

साल 2015 में जॉर्ज कुरियन स्टोरेज और डेटा मैनेजमेंट कंपनी नेटऐप के सीईओ चुने गए थे. जॉर्ज कुरियन का जन्म केरल के कुटायम जिले में हुआ था. उन्होंने बैचलर की डिग्री इंजीनियरिंग में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से और MBA स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से किया. अपने करियर की पहली जॉब उन्होंने साल 1996 में ORACLE कंपनी में की थी. 

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