फ्रांस का यह शहर पिछले 10 साल से लोगों को फ्री में दे रहा चिकेन, जानिए आखिर क्यों

फ्रांस के इस शहर में पिछले दस साल के अंदर स्थानीय निवासियों को 5,282 मुर्गियां मुफ्त में बांटी गई हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर

फ्रांस के एक शहर में लोगों को पिछले 10 साल से मुफ्त में मुर्गियां मिल रही हैं. देने वाला भी कोई रईस दानवीर नहीं है, बल्कि खुद स्थानीय प्रशासन की तरफ से यह काम किया जा रहा है. कमाल है न? कमाल तो वाकई है. लेकिन आपके मन में ख्याल आ सकता है कि ऐसा होता क्यों किया जा रहा. चलिए बताते हैं.

फ्रांस के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में एक शहर है कोलमार. 2015 में ईस्टर के आसपास, इस शहर के एक गांव में स्थानीय प्रशासन ने अपने निवासियों को मुफ्त मुर्गियां बांटना शुरू कर दिया. यह काम गांव में कचरा उठाने वाले विभाग ने शुरू किया था. इनोवेशन भरी इस नई योजना का उद्देश्य भोजन की बर्बादी को कम करना था.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट पर बहुत पहले से विचार किया जा रहा था. कोलमार प्रशासन के तत्कालीन अध्यक्ष, गिल्बर्ट मेयर को 2014 में "एक परिवार, एक मुर्गी" के नारे के साथ चुना गया था. उन्होंने अगले साल यानी 2015 में पास के दो मुर्गी फार्मों के साथ पार्टनरशिप में ऑपरेशन शुरू किया. लोगों को कहा गया कि आपको सरकार मुफ्त की मुर्गी देगी, आप उसको पालिए और जल्द ही आपके पास मुफ्त के अंडे होंगे. 

चार नगर पालिकाओं में 200 से अधिक घर इस प्रोजेक्ट में शामिल होने आए. इनमें से हरेक को दो मुर्गियां दी गईं- या तो लाल मुर्गियां (पौलेट रूज) या अलसैस मुर्गियां. अलसैस पुरानी और स्थानीय नस्ल है.

ऐसा नहीं है कि बिना कोई वादे के मुर्गियां बांटी गईं. हर परिवार से लिखवाकर लिया गया कि वो मुर्गियों को पालेंगे और कभी भी कचरा उठाने वाले विभाग से कोई आकर जांच कर सकता है. प्रशासन ने कोई मुर्गीघर उपलब्ध नहीं कराए. यह निवासियों पर निर्भर था कि वे खुद से बनाए या खरीदें. विभाग ने सुनिश्चित किया कि हर घर में मुर्गियों
के लिए पर्याप्त जगह हो.  योजना सफल रही - और अभी भी चल रही है.

रिपोर्ट के अनुसार आज तक, स्थानीय निवासियों को 5,282 मुर्गियां बांटी गई हैं. जून 2025 में फिर से एप्लिकेशन निकाली जाएगी. इससे फायदा यह हुआ कि न केवल निवासियों को मुफ्त अंडों की भरपूर सप्लाई मिली है, बल्कि लैंडफिल से भोजन की बर्बादी को भी रोका गया है क्योंकि मुर्गियों को रसोई का बचा हुआ खाना खिलाया जाता है जिसे अन्यथा फेंक दिया जाता था.


(इनपुट- बीबीसी वर्ल्ड)

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