पनडुब्बी सौदे पर रार : फ्रांस ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया से वापस बुलाए राजदूत

फ्रांस की यह कार्रवाई अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नए त्रिपक्षीय ग्रुप की घोषणा के बाद हुई है. इन तीनों देशों ने AUKUS ग्रुप बनाया है ताकि चीन के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के सामने सैन्य क्षमताओं को मजबूत किया जा सके. 

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फ्रांस की यह कार्रवाई अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नए त्रिपक्षीय ग्रुप की घोषणा के बाद हुई है.
पेरिस:

फ्रांस (France) ने शुक्रवार को (स्थानीय समय) पनडुब्बी सौदे (Submarine Deal) की नाराजगी के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है. हालांकि, विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने कहा कि राजदूतों को "परामर्श" के लिए वापस बुलाया गया है. फ्रांस की यह कार्रवाई अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नए त्रिपक्षीय ग्रुप की घोषणा के बाद हुई है. इन तीनों देशों ने AUKUS ग्रुप बनाया है ताकि चीन के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के सामने सैन्य क्षमताओं को मजबूत किया जा सके. 

यूरोन्यूज के मुताबिक, ले ड्रियन ने यह भी कहा कि पेरिस के साथ पनडुब्बी विकास कार्यक्रम को रद्द करने का ऑस्ट्रेलिया का निर्णय और अमेरिका के साथ एक नई साझेदारी की घोषणा "सहयोगियों और भागीदारों के बीच अस्वीकार्य व्यवहार है." 

फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान ने कहा, "गणतंत्र के राष्ट्रपति के अनुरोध पर, मैंने तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में हमारे दो राजदूतों को परामर्श के लिए पेरिस वापस बुलाने का फैसला किया है."

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यह कदम कैनबरा द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में यह घोषणा किए जाने के बाद आया है कि वह अमेरिकी प्रौद्योगिकी के साथ निर्मित परमाणु पनडुब्बी के पक्ष में फ्रांस से होने वाले 66 अरब डॉलर्स की पारंपरिक पनडुब्बियों  की खरीद की डील को खत्म कर रहा है. इस सौदे की घोषणा बुधवार को अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते "AUKUS" के शुभारंभ पर की थी.

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ले ड्रियन ने कहा, "15 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए इस असाधारण निर्णय को असाधारण तरीकों से उचित ठहराया गया है." ले ड्रियन के आक्रोश ने इस तथ्य को प्रतिबिंबित किया कि पारंपरिक और कम तकनीकी रूप से विकसित पनडुब्बियों की खरीद का 66 अरब डॉलर का सौदा जो 2016 में ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के बीच हुआ था, वह अब भले समाप्त हो चुका है, लेकिन उस डील पर कठोर कानूनी जंग छिड़ सकती है.

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