आकाशगंगा में करीब चार दुर्भावनापूर्ण एलियन सभ्याताएं (Alien Civilization) ऐसी हैं जो हमारे ग्रह पर हमला कर सकती हैं. एक रिसर्चर ने यह दावा किया है. वाइस के मुताबिक, एल्बर्टो कबैलेरो (Alberto Caballero) स्पेन की वीगो यूनिवर्सिटी के PhD स्टूडेंट ने ने कहा है कि 1977 में पहली बार सामने आए “WoW Signal” का स्त्रोत पता चल गया है. यह एक रेडियो ऊर्जा का एक मिनट से भी अधिक बड़ा अजीब विस्फोट था. कबैलेरो ने विस्तार से बताया है कि ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी (Ohio State University) के बड़े संवेदनशील टेलीस्कोप से रेडियो वेव के विस्फोट के ऐसे विस्फोट सुने गए जो एक मिनट से 12 सेकेंड के बीच थे. इन संकेतों में अल्फान्यूमेरिक कोड (alphanumeric code ) था जिसे वाओ सिग्नल (WoW Signal) कहा गया. 60 साल पहले जब इंसानों ने धरती से बाहर जीवन खोजना शुरू किया, तब से यह इसकी उपस्तिथी का सबसे बेहतर संकेत माना जाता है.
कई दशकों में शोधकर्ताओं ने इस संकेत को पढ़ने की कोशिश की और इसके स्त्रोत पर खोज करनी चाही. अब अपने पेपर में, कबैलेरो ने इसे पढ़ने का दावा किया है. इस पेपर का नाम है, "दुर्भावनापूर्ण पराग्रही सभ्यताओं की मौजूदगी का आंकलन" (“Estimating the Prevalence of Malicious Extraterrestrial Civilizations”- ) कबैलेरो ने दावा किया है कि उसने इस संकेत के स्त्रोत का पता लगा लिया है. उनका मानना है कि यह संकेत धरती से 1,800 प्रकाशवर्ष दूर मौजूद एक सूरज जैसे तारे से निकला है.
कबैलेरो की रिसर्च को एक "विचार प्रयोग" माना जा रहा है. शोधकर्ता का कहना है कि उनके शोधपत्र का उद्देश्य दूसरे वैज्ञानिकों को सचेत करना है और ऐसी सभ्याओं को संख्या देना है जो हमारे भेजे संकेतों का शायद जवाब दे सकती हैं.
अपने शोध में कबैलेरो ने गणना की है कि अब तक धरती पर कितनी बार आक्रमण हो चुका है- जिसमें वाओ सिग्नल भी शामिल है. और फिर उन्होंने इसे पराग्रीह आकाशगंगा की संख्या के साथ लागू किया है. कबैलेरो की गणना के अनुसार, धरती पर आक्रमण कर सकने वाली सभ्यताओं की संख्या लगभग चार है. उन्होंन वैज्ञानिकों को पराग्रही सूचना वाले संकेत, भेजने के खिलाफ चेताया है. उन्हें डर है कि इससे हम एलियन को हमले के लिए उकसा सकते हैं.
हालांकि न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, शोधकर्ता ने यह भी गणना की है कि पराग्रही हमले से मानव सभ्यता के खत्म होने का खतरा उतना है कि जितना धरती के - क्षुद्र ग्रह से टकरा कर खत्म होने का खतरा है. अपने शोधपत्र में, कबैलेरो ने लिखा है कि ऐसी घटनाएं हर 100 मिलियन साल में एक बार होती हैं, इसलिए फिलहाल इंसानों की पूरी तरह से सुरक्षित रहने की संभावना है.
उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसी भी संभावना है कि किसी पराग्रही सभ्यता ने आकाशगंगा में तारों के बीच की यात्रा में महारथ हासिल कर ली हो. साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे समाज तरक्की करता है वो विवाद में नहीं पड़ना चाहता. उनका अनुमान है कि एलियन सभ्यता भी तकनीकि विकास के साथ यही बर्ताव करेगी.
कबैलेरो को उम्मीद है कि उनके शोध से इस बारे में चर्चा शुरू होगी कि क्या अंतरिक्ष में संदेश भेजना वाकई खतरनाक है? उनका शोध ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिकी सरकार पराग्रही जीवन के बढ़ते संकेतों गंभीरता से ले रही है, हालांकि इसे लेकर कोई पुष्ट सबूत नहीं है.