- नेपाल में केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद सुशीला कार्की को अंतरिम नेता नियुक्त किया गया है.
- सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और गैर-राजनीतिक नेता के रूप में पहचानी जाती हैं.
- जेन-जी मूवमेंट के सदस्यों की मीटिंग में कार्की को युवाओं का प्रतिनिधि और सेना से बातचीत का नेता चुना गया.
नेपाल में जारी प्रदर्शनों के बीच और केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल का अंतरिम नेता नियुक्त किया गया है. नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश कार्की से उम्मीद की जा रही है कि वे नए चुनाव होने तक मौजूदा संकट से देश का नेतृत्व करेंगी. बताया जा रहा है जेन-जी मूवमेंट के सदस्यों की एक वर्चुअल मीटिंग में कार्की के नाम पर मोहर लगी है. कार्की जेन-जी में शामिल युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी और सेना से बातचीत के करेंगी.
चार घंटे की मीटिंग में हुआ फैसला
जानकारी के मुताबिक करीब चार घंटे तक चली मीटिंग के बाद सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनी. Gen Z आंदोलन में शामिल नेताओं ने आगे की बातचीत के लिए सुशीला कार्की को अपना प्रतिनिधि बनाया है. यह मीटिंग जूम मीटिंग पर चली. इस पर देश के नेताओं के खिलाफ वही गुस्सा दिखा जो दो दिन तक सड़क पर फूटा था. आंदोलन की बागडोर किसी भी ऐसे शख्स को न सौंपने की बात थी जो राजनीति से जुड़ा हो. ऐसे में सुशीला कार्की जो किसी भी दल से दूर हैं, के नाम पर सहमति बनी.
नेपाल में जनजातीय प्रदर्शनकारियों के तीन समूह गैर-राजनीतिक नेता के नाम पर चर्चा के लिए बैठक कर रहे थे. उन्हें एक ऐसा नेता चाहिए था जो अंतरिम सरकार गठन के लिए नेपाली सेना के साथ बातचीत का नेतृत्व करे. ऐसे में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम पर रजामंदी बनी और अब वह सेना से बातचीत के लिए युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी.
पॉलिटिकल सांइस में की पढ़ाई
7 जून, 1952 को विराटनगर में जन्मी, उन्होंने वकालत और कानूनी सुधार के क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने से पहले सुशीला कार्की ने पॉलिटिकल साइंस और कानून में डिग्री हासिल की. सुप्रीम कोर्ट में अपने टेन्योर के दौरान, उन्होंने ट्रांजिशनल जस्टिस और चुनावी विवादों से जुड़े ऐतिहासिक मामलों की अध्यक्षता की. साथ ही लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर न्यायपालिका की भूमिका को मजबूत किया.
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिा रहीं हैं और उन्होंने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से शिक्षा हासिल की है. उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' के लिए जाना जाता है. साल 2017 में ज्यूडिशियल एक्टिविज्म के लिए उन पर महाभियोग प्रस्ताव भी चलाया गया था.
मंगलवार को नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर धावा बोल दिया, सर्वोच्च न्यायालय और संसद भवन में आग लगा दी और कई नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की. झड़पों में 19 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए.
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