- नेपाल में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड के कारण अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है और पांच लापता हैं.
- पूर्वी इलाम जिले में भूस्खलन से 37 लोगों की मौत हुई है, जो रात भर हुई भारी बारिश का परिणाम है.
- सड़क बंद होने के कारण बचावकर्मी पैदल ही प्रभावित इलाकों में पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से हालात गंभीर हो गए हैं. फ्लैश फ्लड और बाढ़ की वजह से अब तक नेपाल में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में अभी भारी बारिश का दौर जारी है. आपदा प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी की तरफ से रविवार को इस बात की जानकारी दी गई है. शुक्रवार से ही देश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है. लगातार बारिश के बीच ही आपदा अधिकारियों ने कई नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है.
रात भर हुई बारिश
नेपाल के नेशनल डिजास्टर रिस्क रीडक्शन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी की प्रवक्ता शांति महत ने बताया, 'अब तक बारिश की वजह से पैदा होने वाली आपदाओं में 42 लोगों की मौत हो चुकी है और पांच लापता हैं. देश के पूर्वी इलाम जिले में भूस्खलन से कम से कम 37 लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय जिला अधिकारी सुनीता नेपाल ने कहा, 'रात भर हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ.'
एयरपोर्ट पर अटके यात्री
उन्होंने बताया कि सड़कें बंद होने की वजह से कुछ इलाकों तक पहुंचना ही मुश्किल है. ऐसे में बचावकर्मी पैदल ही वहां जा रहे हैं. राजधानी काठमांडू में भी नदियां उफान पर हैं. इसकी वजह से उनके किनारे बसी बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. बचाव कार्यों में सहायता के लिए हेलीकॉप्टरों और मोटरबोटों के साथ सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. भूस्खलन की वजह से कई हाइवे भी ब्लॉक हो गए हैं और फ्लाइट् पर भी असर पड़ा है. इससे सैकड़ों यात्री फंस गए हैं. ये यात्री दशई त्यौहार मनाकर लौट रहे थे.
तो जलवायु परिवर्तन है जिम्मेदार
आमतौर पर जून से सितंबर तक होने वाली मॉनसूनी बारिश, दक्षिण एशिया में हर साल व्यापक मौतें और विनाश लाती है. लेकिन हाल के वर्षों में घातक बाढ़ और भूस्खलन की संख्या में वृद्धि हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन ने उनकी आवृत्ति, तीव्रता और समय को और खराब कर दिया है.