चीन, रूस और हसीना का फेक जाल, समझिए पूरा गोलमाल

टेक्नोलॉजी का मिसयूज आजकल धड़ल्ले से हो रहा है. जब से AI बाजार में आया है, लोगों के साथ फ्रॉड करना बहुत ही आसान हो गया है. महिलाओं के प्रति पुरुषों की दीवानगी का फायदा रूस और चीन (China Russia) जमकर उठा रहे हैं.

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फेक अकाउंट के जाल में लोगों को फंसा रहे रूस और चीन.
नई दिल्ली:

रूस और चीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लोगों को बरगला रहे हैं. महिलाओं के प्रति पुरुषों की दीवानगी का फायदा भी वह जमकर उठा रहे हैं. लोगों को फेक अकाउंट के जाल में फंसाया जा रहा है. चीन और रूस (China Russia) क्लिक पाने के लिए फेक महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस तरह के मामले चुनावों के दौरान खूब देखे गए. ये खुलासा डिसइन्फॉर्मेशन रिसर्चर वेन-पिंग लियू ने किया है. उनका कहना है कि ताइवान के हालिया चुनावों को प्रभावित करने के लिए फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया गया. कॉमन बात यह है कि ये फेक प्रोफाइल सबसे ज्यादा महिलाओं के थे या यूं कहें कि महिलाओं के नाम से बनाए गए. दरअसल महिलाओं के प्रोफाइल पुरुषों की तुलना में ज्यादा क्लिक किए जाते हैं, रूस और चीन इसी बात का फायदा उठा रहे हैं. 

चीन और रूस क्यों कर रहे धांधली?

ताइवान की मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस के एक इन्वेस्टिगेटर लियू ने कहा, "खुद को महिला बताकर किसी का भी विश्वास आसानी से जीता जा सकता है, विश्नास जीतने का यह सबसे आसान तरीका है. उन्होंने कहा कि चीनी या रूसी प्रोपेगेंडा एजेंसियां ​​हों, ऑनलाइन घोटालेबाज हों या एआई चैटबॉट, सभी महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं. टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे ज्यादा मजबूत हो रही है, इंसानी दिमाग को हैक करना और भी आसान हो गया है. इसके लिए कुछ हद तक जेंडर को लेकर पुरानी रूढ़िवादी सोच भी जिम्मेदार है. यही सोच अब रियल वर्ल्ड से वर्चुअल वर्ल्ड में ट्रांसफर की जा रही है. 

महिलाएं क्यों हैं ज्यादा भरोसेमंद?

 फ्रांस के टूलूज़ में एक ऑनलाइन रिसर्चर सिल्वी बोराउ का कहना है कि महिलाओं की आवाज और उनके फेस का इस्तेमाल कर किसी को भी आसानी से इंप्रेस किया जा सकता है. ये सामने आया है कि इंटरनेट यूजर्स भी रुचि भी महिलाओं में ज्यादा है. वह पुरुषों की तुलना में ज्यादा मानवीय मानते हैं.  बोराउ का कहना है कि महिलाएं, पुरुषों की तुलना में ज्यादा वॉर्म, कम खतरनाक और ज्यादा मिलनसार माना जाता है. वहीं पुरुषों को इसका उलट माना जाता है. यही वजह है कि जाने-अंजान लोगों का महिला के नाम से दिखने वाले नकली अकाउंट्स से कनेक्ट होना आसान है. 

AI से कैसे महिलाओं को किया जा रहा आगे?

जब OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन Chat GPT AI कार्यक्रम के लिए एक नई आवाज की तलाश कर रहे थे, तो उन्होंने स्कारलेट जोन्सन से संपर्क किया. उन्होंने कहा कि सैम ऑल्टमैन ने उन्हें बताया कि यूजर्स तक उनकी आवाज पहुंचाई जाएगी. जिस तरह से फिल्मों में डबिंग होती है, बिल्कुल वैसे ही.उनकी आवाज को कॉमन आवाज कहने पर उन्होंने ऑल्टमैन के इस ऑफर को अस्वीकार करते हुए कंपनी पर केस करने की धमकी दी. जिसके बाद OpenAI ने नई आवाज़ को हायर कर लिया. 

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कैसी महिलाएं पुरुषों को ज्यादा पसंद?

जो महिलाएं देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती हैं, जिनकी स्किन, आंखें और कपड़े बेहद खूबसूरत होते हैं, उनको पुरुष ऑनलाइन ज्यादा पसंद करते हैं. 40 हजार से ज्यादा प्रोफाइल के विश्लेषण के मुताबिक, महिलाओं की सोशल मीडिया प्रोफाइल को पुरुषों की तुलना में औसतन तीन गुना से ज्यादा व्यूज मिलते हैं. यंग महिलाओं की प्रोफाइल को ज्यादा क्लिक किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अरेपोर्ट ने ये भी सुझाव दिया कि इतने सारे फर्जी खाते और चैटबॉट महिलाओं के होने की आखिर वजह क्या है. उन सभी अकाउंट्स को पुरुषों ने ही क्रिएट किया था. 

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