अब तक Corona नहीं हुआ? ये 'दिव्य शक्ति' है या वैज्ञानिक कारण?

यदि आप आज तक कोविड (Covid19) के संपर्क में आने से बचने में कामयाब रहे हैं, तो हो सकता है कि आपके पास सार्स-कोव-2 (SARS Cov2) संक्रमण के प्रति प्राकृतिक प्रतिरक्षा हो, या शायद आप भाग्यशाली रहे हों. कारण चाहे कुछ भी हो, इस वायरस, जिसके बारे में हम अभी भी बहुत कम जानते हैं, के खिलाफ सावधानी बरतना जारी रखना समझदारी है.

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Covid19 : कुछ लोगों को अब तक कोरोना क्यों नहीं हुआ? (File Photo)

दुनिया की एक बड़ी आबादी कोरोना (Corona) की चपेट में आ चुकी है लेकिन अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो किसी तरह, कोविड19 (Covid19) की चपेट में आने से बचने में कामयाब रहे हैं. शायद आप उनमें से एक हैं. क्या आप में कोई दिव्य शक्ति है? क्या कोई ऐसा वैज्ञानिक कारण है जिसकी वजह से कोई व्यक्ति संक्रमित होने से बचा रह सकता है, वह भी तब जब वायरस हर तरफ फैला है? या यह सिर्फ किस्मत है? 

क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट में स्कूल ऑफ मेडिसिन के लिंडसे ब्रॉडबेंट द कन्वर्सेशन मैगजीन में लिखते हैं, "यूके में 60% से अधिक लोग कम से कम एक बार कोविड पॉजिटिव मिले. हालांकि, उन लोगों की संख्या, जो वास्तव में सार्स-कोव-2 वायरस (Sars Cov-2 Virus) , से संक्रमित हुए हैं, इससे कहीं अधिक है.  बिना लक्षण वाले संक्रमणों की गणना दर अध्ययन के आधार पर भिन्न होती है, हालांकि अधिकांश सहमत हैं कि यह काफी सामान्य है.

लेकिन अगर उन लोगों को गिन भी लिया जाए, जिन्हें कोविड हुआ है और उन्हें इसका एहसास नहीं है, अभी भी ऐसे लोगों का एक समूह है जिन्हें कोविड कभी हुआ ही नहीं है। कुछ लोगों के कोविड के प्रति प्रतिरक्षित दिखाई देने का कारण एक ऐसा प्रश्न है जो पूरी महामारी के दौरान बना हुआ है. विज्ञान के और भी बहुत से अनबूझे सवालों की तरह यह सवाल भी अब तक अनुत्तरित ही है.

हम शायद ऐसे लोगों के दिव्य शक्ति संपन्न होने की बात को खारिज कर सकते हैं. लेकिन विज्ञान और भाग्य दोनों की भूमिका होने की संभावना है. चलिए एक नज़र डालते हैं.सबसे सरल व्याख्या यह है कि ये लोग कभी भी वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं.

यह निश्चित रूप से उन लोगों के लिए हो सकता है, जिन्हें महामारी के दौरान इससे बचाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए गए हैं. गंभीर बीमारी के काफी अधिक जोखिम वाले लोगों, जैसे कि दिल या फेफड़ों की पुरानी बीमारी की स्थिति वाले लोगों के लिए कुछ साल कठिन रहे हैं.

जोखिम से सावधानी 

इनमें से कई वायरस के संभावित जोखिम से बचने के लिए सावधानी बरत रहे हैं. अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के बावजूद, इनमें से कई लोग कोविड की चपेट में आ चुके हैं.

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सामुदायिक संचरण (Community Spread) के उच्च स्तर के कारण, विशेष रूप से तेजी से फैलने वाले वेरिएंट (Omicron Variant)  के साथ, यह बहुत कम संभावना है कि कोई व्यक्ति काम या स्कूल जा रहा है, लोगों से मिल-जुल रहा है खरीदारी कर रहा है और इस दौरान वह वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया है. ऐसे लोग हैं जिन्होंने उच्च स्तर के जोखिम में होने के बावजूद, जैसे कि अस्पताल के कर्मचारी या ऐसे लोगों के परिवार के सदस्य जिन्हें कोविड हुआ है, कोविड की चपेट में आने से बचने में कामयाब रहे हैं.

हम कई अध्ययनों से जानते हैं कि टीके न केवल गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करते हैं, बल्कि वे सार्स-कोव-2 के घरेलू संचरण की संभावना को भी लगभग आधा कर सकते हैं. तो निश्चित रूप से टीकाकरण कुछ करीबी संपर्कों को संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकता था.  हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये अध्ययन ओमिक्रोन के आने से पहले किए गए थे. ओमिक्रोन संचरण पर टीकाकरण के प्रभाव पर हमारे पास डेटा अभी भी सीमित है. 

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Corona ना होने के कुछ सिद्धांत

कुछ लोग संक्रमण के संपर्क में क्यों नहीं आए है, इसके बारे में एक सिद्धांत यह है कि, वह लोग वायरस के संपर्क में तो हैं, लेकिन यह श्वसन तंत्र में प्रवेश करने के बावजूद संक्रमित करने में विफल रहा. यह कोशिकाओं तक पहुंच प्राप्त करने के लिए सार्स-कोव-2 के लिए आवश्यक रिसेप्टर्स की कमी के कारण हो सकता है.

एक बार जब कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है, तो शोधकर्ताओं ने पहचाना है कि सार्स-कोव-2 की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में अंतर लक्षणों की गंभीरता को निर्धारित करने में भूमिका निभाते हैं. यह संभव है कि एक त्वरित और मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया वायरस को बड़े पैमाने पर खुद को दोहराने से रोक सकती है.

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संक्रमण के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता काफी हद तक हमारी उम्र और हमारी आनुवंशिकी द्वारा परिभाषित होती है. एक स्वस्थ जीवन शैली निश्चित रूप से मदद करती है. उदाहरण के लिए, हम जानते हैं कि विटामिन डी की कमी से कुछ संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है. पर्याप्त नींद न लेने से हमारे शरीर की हमलावर रोगजनकों से लड़ने की क्षमता पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है.

गंभीर कोविड के अंतर्निहित कारणों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने लगभग 20% गंभीर मामलों में आनुवंशिक कारण की पहचान की है. जिस तरह आनुवांशिकी रोग की गंभीरता का एक निर्धारण कारक हो सकता है, उसी तरह हमारा आनुवंशिक गुण सार्स-कोव-2 संक्रमण के प्रतिरोध की कुंजी हो सकता है.

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यदि आप आज तक कोविड के संपर्क में आने से बचने में कामयाब रहे हैं, तो हो सकता है कि आपके पास सार्स-कोव-2 संक्रमण के प्रति प्राकृतिक प्रतिरक्षा हो, या शायद आप भाग्यशाली रहे हों. कारण चाहे कुछ भी हो, इस वायरस, जिसके बारे में हम अभी भी बहुत कम जानते हैं, के खिलाफ सावधानी बरतना जारी रखना समझदारी है.

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