अमेरिकी राष्ट्रपति ने भले ही रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने की बात कही हो लेकिन इन सब के बीच यूक्रेन को अब फ्रांस का साथ मिलता दिख रहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ये साफ कर दिया है कि भले ही अमेरिका अब यूक्रेन की मदद ना करे लेकिन हम यूक्रेन की मदद करना आगे भी जारी रखेंगे. साथ ही उन्होंने रूस को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि फ्रांस के परमाणु हथियार तैयार है. हम बिना अमेरिका के बिना भी यूक्रेन की मदद करेंगे. मैक्रों ने कहा कि पुतिन, फ्रांस और यूरोप के लिए खतरा हैं.
आपको बता दें कि कुछ समय पहले रूस के साथ ट्रंप प्रशासन की वन टू वन मीटिंग पर यूरोप की पैनी नजर थी. जानकार मान रहे हैं कि यूरोप के कई देश इस बैठक से फिक्रमंद हैं. इन देशों को डर है कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूरोप को पूरी तरह से उनके भाग्य पर छोड़ सकता है. साथ ही इस बात की भी चिंता है कि अगर ट्रंप प्रशासन यूक्रेन पर कमजोर शांति समझौते के लिए दबाव डालता है, तो इससे रूस का हौसला बढ़ जाएगा, जिससे मॉस्को बाकी यूरोप के लिए एक बड़ा खतरा बन जाएगा. अमेरिका के रुख में बदलाव ने यूरोप के लिए अधिक आत्मनिर्भरता हासिल करना पहले से कहीं अधिक जरूरी बना दिया है.
यूरोप को अपनी सुरक्षा की टेंशन
बदली परिस्थितियों को देखते हुए यूरोपीय देश इस सप्ताह रक्षा पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे हैं. पहले ये चर्चा रविवार को लंदन में होगी, और फिर गुरुवार को ब्रुसेल्स में होगी. इसमें यूक्रेन के लिए संभावित सुरक्षा गारंटी को अधिक स्पष्ट रूप से एक्सप्लेन भी किया जाएगा. एनवाईटी की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ के देश हाल के वर्षों में अपने सैन्य खर्च में वृद्धि कर रहे हैं. हालांकि, फ्रांस और जर्मनी सहित कुछ नाटो देश अभी भी रक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का 2 प्रतिशत या अधिक खर्च करने के लक्ष्य से पीछे हैं. इसके कारण नाटो भी पूरी तरह अमेरिका के भरोसे ही है. ट्रंप के अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चाहता है कि यूरोप अपनी रक्षा पर अधिक खर्च करे, और यूक्रेन में शांति बनाए रखने के लिए भी खर्च करे.