- यूरोप और मिडिल ईस्ट में भीषण गर्मी के कारण कई देशों में जलवायु आपात स्थिति घोषित की गई है
- ईरान में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है और तेहरान में पानी की खपत घटाने की अपील की गई है
- यूनान की राजधानी एथेंस में औसतन तापमान सामान्य से दस डिग्री अधिक दर्ज होकर जंगलों में भीषण आग लगी है
यूरोप और मिडिल ईस्ट इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं, जिससे कई देशों में जलवायु आपात स्थितियां घोषित की गई हैं. ईरान के राष्ट्रीय मौसम विभाग के अनुसार, ईरान इस वर्ष के अब तक के सबसे गर्म सप्ताह में प्रवेश कर चुका है, जहां पारा 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है.
राजधानी तेहरान में रविवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. तेहरान जल प्राधिकरण ने लोगों से पानी की खपत में कम से कम 20 प्रतिशत की कटौती करने की अपील की है, क्योंकि राजधानी को जलापूर्ति करने वाले बांध "पिछले 100 वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर" पर पहुंच गए हैं.
वहीं, तेहरान से लगभग 3,500 किलोमीटर पश्चिम में स्थित यूनानी राजधानी एथेंस में इस गर्मी की पहली लंबी लहर ने दस्तक दी है. नेशनल ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, उत्तरी अफ्रीका से गर्म हवाओं ने क्षेत्र में हीट-चैंबर बना दिया है. इस कारण तापमान सामान्य औसत से 10 डिग्री अधिक दर्ज हो रहा है. इस सप्ताह औसतन अधिकतम तापमान 38 डिग्री तक पहुंच सकता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 44 डिग्री तक जा सकता है.
ग्रीक अखबार 'द नेशनल हेराल्ड' ने इसे "नरक से भी गर्म" बताया है. इस भीषण गर्मी और तेज हवाओं के कारण यूनान में जंगलों में भीषण आग लग गई है. क्रेट द्वीप पर लगी आग ने जंगलों और जैतून के पेड़ों को जलाकर राख कर दिया, इस वजह से हजारों लोगों को वहां से निकलना पड़ा. वहीं, एथेंस के पास एक और आग रिहायशी इलाकों के पास पहुंच गई है.
तुर्की में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां 26 जून के बाद 10 दिनों में जंगल में आग लगने की कुल 761 घटनाएं दर्ज की गईं. पश्चिमी इज़मिर प्रांत में लगी आग में एक बुजुर्ग व्यक्ति और एक वनकर्मी की मौत हो गई. यूरोप के विभिन्न हिस्सों में स्पेन और इटली सहित कई देशों में अब तक कम से कम आठ लोगों की गर्मी के कारण मौत हो चुकी है.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने कहा, “हम इस समय एक शक्तिशाली उच्च दबाव प्रणाली के प्रभाव में हैं, जो उत्तरी अफ्रीका से गर्म हवा को इस क्षेत्र में रोक रही है. इसका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है.”