- यूरोपीय यूनियन ने एलन मस्क की कंपनी एक्स पर डिजिटल नियमों का उल्लंघन करने के कारण भारी जुर्माना लगाया है.
- अमेरिका के उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री ने इस जुर्माने को अमेरिकी कंपनियों और लोगों पर हमला करार दिया है.
- एलन मस्क ने इस जुर्माने को व्यक्तिगत रूप से अपने खिलाफ लगाए गए बेतुके आरोपों के रूप में बताया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेहद खास दोस्त एलन मस्क की कंपनी एक्स पर यूरोपीय यूनियन की ओर से भारी जुर्माना लगाया गया है. यूरोपीय यूनियन ने शुक्रवार को एलन मस्क की कंपनी एक्स पर डिजिटल नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 12 करोड़ यूरो (1260 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है. हालांकि इसे लेकर अमेरिका की बेहद तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. इस जुर्माने की घोषणा सार्वजनिक होने से पहले ही अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने "सेंसरशिप" के जरिए अमेरिकी कंपनियों पर 'हमला' करने के खिलाफ चेतावनी दी थी तो जुर्माने की घोषणा के कुछ घंटों बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी इस हमले में शामिल हो गए.
रुबियो ने एक्स पर पोस्ट किया, "यूरोपीय कमीशन का 14 करोड़ डॉलर का जुर्माना सिर्फ एक्स पर हमला नहीं है, बल्कि यह विदेशी सरकारों द्वारा सभी अमेरिकी तकनीकी प्लेटफॉर्म और अमेरिकी लोगों पर हमला है." साथ ही रुबियो ने लिखा, "अमेरिकियों को ऑनलाइन सेंसर करने के दिन अब खत्म हो गए हैं."
एलन मस्क ने जुर्माने के बाद क्या कहा?
एलन मस्क ने इसे लेकर एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा, "ईयू ने यह पागलपन भरा जुर्माना सिर्फ एक्स पर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर मुझ पर भी लगाया है, जो और भी ज्यादा बेतुका है. इसलिए, यह उचित होगा कि हम अपनी प्रतिक्रिया न केवल यूरोपीय यूनियन पर लागू करें, बल्कि उन व्यक्तियों पर भी लागू करें जिन्होंने मेरे खिलाफ यह कार्रवाई की है."
डिजिटल सर्विस एक्ट के तहत लगाया जुर्माना
यूरोपीय कमीशन की ओर से अपने डिजिटल सर्विस एक्ट (Digital Services Act) के तहत लगाया गया यह पहला जुर्माना था. आयोग के एक बयान में एक्स को डीएसए के पारदर्शिता दायित्व के उल्लंघन करने का दोषी बताया है.
साथ ही कमीशन ने कहा कि इन उल्लंघनों में कथित रूप से वेरिफाइड अकाउंटों के लिए "ब्लू चेकमार्क" का भ्रामक डिजाइन और शोधकर्ताओं को सार्वजनिक डेटा तक पहुंच प्रदान करने में विफलता शामिल है.
यूरोपीय यूनियन की टेक्नोलॉजी कमिश्नर हेना विर्कुनेन ने अमेरिका के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "यह निर्णय एक्स की पारदर्शिता के बारे में है" और "सेंसरशिप से इसका कोई लेना-देना नहीं है".
वेंस के बयान की मस्क ने की तारीफ
वेंस ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए यूरोपीय यूनियन से कहा था कि उसे "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करना चाहिए, न कि कचरे को लेकर अमेरिकी कंपनियों पर हमला करना चाहिए." उनके इस बयान की मस्क ने सराहना की.
एक्स प्लेटफॉर्म को लेकर दिसंबर 2023 में यूरोपीय संघ की पहली औपचारिक डीएसए जांच हुई थी. जुलाई 2024 में इसे कई मामलों में नियमों का उल्लंघन करता पाया गया.
यूरोपीय यूनियन ने पाया कि 2022 में मस्क के कार्यभार संभालने के बाद प्लेटफॉर्म की चेकमार्क प्रणाली में किए गए बदलावों का मतलब था कि प्रामाणिकता का बैज प्राप्त करने के लिए "कोई भी भुगतान कर सकता है", बिना एक्स द्वारा "अकाउंट के पीछे कौन है, इसकी सार्थक पुष्टि किए".














