इमैनुएल मैक्रों की पत्नी पुरुष नहीं, आखिर फ्रेंच राष्ट्रपति को क्यों करना पड़ रहा साबित, जानें कैसे शुरू हुआ पूरा मामला

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों अमेरिकी अदालत में यह साबित करने के लिए "वैज्ञानिक" सबूत और तस्वीरें पेश करेंगे कि फ्रांस की फर्स्ट लेडी एक महिला हैं.

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  • मैक्रों को अमेरिकी कोर्ट में अपनी पत्नी के ट्रांसजेंडर न होने का वैज्ञानिक प्रमाण देना पड़ रहा है
  • यह विवाद दक्षिणपंथी इन्फ्लुएंसर कैंडेस ओवेन्स द्वारा ब्रिजिट के जेंडर को लेकर लगाए गए आरोपों से शुरू हुआ
  • 2017 में एक ब्लॉगर ने ब्रिजिट मैक्रों को उनके भाई बताते हुए ट्रांसजेंडर होने का दावा किया था
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पेरिस:

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों को एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, दरअसल राष्ट्रपति को अपनी पत्नी के ट्रांसजेंडर न होने का 'सबूत' अमेरिकी कोर्ट में पेश करना पड़ रहा है. फ्रेंच राष्ट्रपति मैक्रों के वकील टॉम क्लेयर ने बताया कि राष्ट्रपति अपनी पत्नी की गर्भावस्था और बच्चों की परवरिश से जुड़ी तस्वीरें और साइंटिफिक डॉक्यूमेंट्स कोर्ट में पेश करेंगे. यह कदम उस समय उठाया गया है जब उन्होंने अमेरिकी दक्षिणपंथी इन्फ्लुएंसर और राजनीतिक टिप्पणीकार कैंडेस ओवेन्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. टॉम क्लेयर ने बीबीसी के साथ एक पॉडकास्ट में कहा, "ये लोग भले ही विश्व मंच पर महत्वपूर्ण हों, लेकिन वे भी इंसान हैं. उन पर आपराधिक कृत्य और अपनी पहचान को लेकर दुनिया से झूठ बोलने का आरोप लगाना अपमानजनक और आहत करने वाला है. यह बहुत दुखद है कि आपको इस तरह के सबूत पेश करने के लिए मजबूर होना पड़े."

कैसे शुरू हुआ यह विवाद?

यह आरोप सबसे पहले 2017 में तब सामने आया, जब एक ब्लॉगर नताशा रे (या नथाली रे) ने यूट्यूब वीडियो में दावा किया कि ब्रिजिट मैक्रों असल में उनके भाई जीन-मिशेल ट्रोग्नू हैं, जिन्होंने अपना जेंडर और नाम बदल लिया है. साल 2021 में एक स्पिरिचुअल मीडियम अमांडीन रॉय के साथ इंटरव्यू में भी उन्होंने फिर से यही दावा दोहराया, जो साल 2022 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले वायरल हो गया था. तब ब्लॉगर ने 'सबूत' के तौर पर एक बचपन की तस्वीर भी पेश की, जिसमें कथित तौर पर ब्रिजिट मैक्रों के भाई की शक्ल उनसे मिलती-जुलती थी. जैसे-जैसे ये अफवाहें ऑनलाइन फैलने लगी, मैक्रों दंपति ने ब्लॉगर और अमांडीन रॉय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया, जिसमें उन्हें सितंबर 2024 में दोषी पाया गया. हालांकि, जुलाई 2025 में पेरिस कोर्ट ऑफ अपील ने यह फैसला पलट दिया.

कैंडेस ओवेन्स ने कैसे दोहराए आरोप?

साल 2024 में कैंडेस ओवेन्स ने भी यही आरोप दोहराए और यहां तक कह दिया कि वह अपने 'पूरे पेशेवर करियर' की साख इस दावे पर लगा देंगी. जुलाई 2025 में मैक्रों दंपति ने ओवेन्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया. वकील टॉम क्लेयर के अनुसार, यह 'आखिरी विकल्प' था, क्योंकि एक साल तक ओवेन्स से संवाद करने और उन्हें 'सच बताने और झूठ फैलाना बंद करने' के लिए कहने के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला. ओवेन्स ने इस मुकदमे को 'स्पष्ट और हताशाजनक पीआर रणनीति' करार दिया और ब्रिजिट मैक्रों को 'बहुत अजीब आदमी' कहा. ओवेन्स के यूट्यूब चैनल पर 4 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. साल 2024 में उन्हें न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का वीजा भी नहीं मिला था, क्योंकि उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी मेडिकल प्रयोगों को नकारने वाले बयान दिए थे.

मैक्रों दंपति की निजी कहानी

इमैनुएल मैक्रों (47) और ब्रिजिट मैक्रों (अब 72) की मुलाकात हाई स्कूल में हुई थी, जब ब्रिजिट उनकी शिक्षिका थीं और पहले से तीन बच्चों की मां थीं. उसी समय वे सेबास्टियन ओजिएरे से विवाहित थीं. हाई स्कूल के आखिरी साल में मैक्रों पेरिस चले गए, लेकिन उन्होंने ब्रिजिट से शादी करने का वादा किया. बाद में ब्रिजिट ने अपने पति से तलाक लिया और पेरिस में मैक्रों के साथ रहने लगीं, फिर दोनों ने 2007 में शादी की. इमैनुएल मैक्रों फिलहाल अपने दूसरे और अंतिम कार्यकाल में राष्ट्रपति हैं. इस साल की शुरुआत में एक और विवाद तब हुआ, जब एक वीडियो वायरल हुआ था.

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