एलन मस्क के DOGE ने रद्द की भारत में 1 अरब 80 करोड़ की मतदाता फंडिंग, बीजेपी ने पूछा- किसे होता फायदा?

भारत के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की बातें कई बार उठाई जा चुकी हैं, सरकार ने भी कई बार विदेशी हस्तक्षेप को लेकर बात की थी. ऐसे में ये अरबों रुपये की राशि का खुलासा चौंकाने वाला है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
एलन मस्क के DOGE ने रद्द की भारत में 21 मिलियन डॉलर की मतदाता फंडिंग...
वाशिंगटन:

अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क के नेतृत्व में अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के तहत 1 अरब  80 करोड़ रुपये (21 मिलियन डॉलर) की फंडिंग को रद्द कर दिया है. इस फंड का इस्‍तेमाल 'भारत में वोटर टर्नआउट' को प्रभावित करने के लिए किया जाना था. DOGE ने इस फंड को रद्द करते हुए बताया कि ये 1 अरब  80 करोड़ रुपये 'चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया सुदृढ़ीकरण के लिए संघ' को आवंटित $486 मिलियन (लगभग 4 हजार करोड़) के बड़े बजट का हिस्सा था. इस फंड में 2 अरब 50 करोड़ रुपये (29 मिलियन डॉलर) बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए निर्धारित किए गए थे. बता दें कि बांग्‍लादेश की सत्‍ता से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने में अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगा था. हालांकि, पूर्व राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. बीजेपी ने अब रद्द की गई फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में 'बाहरी हस्तक्षेप' करार देते हुए सवाल उठाए हैं. 

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही अमेरिका ने टैरिफ से लेकर इमिग्रेशन पॉलिसी तक को लेकर कई बड़े निर्णय लिये हैं. इसी क्रम में अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) बनाया गया है, जिसने 1 अरब  80 करोड़ रुपये की फंडिंग को रद्द कर दिया है, जिसका इस्तेमाल भारत के चुनावों में किया जाना था. बता दें कि DOGE एलन मस्क के नेतृत्व में बनाया गया एक ऐसा डिपार्टमेंट है, कई तरह की फंडिंग पर नजर रखता है. 

Advertisement

DOGE ने 21 मिलियन की फंडिंग को खत्म करने के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा कि ये पैसे अमेरिकी टैक्सपेयर्स के हैं, जिन्हें अलग-अलग मदों के लिए खर्च करने थे, लेकिन इन सभी को रद्द कर दिया गया है... अमेरिका के आम नागरिकों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है. 

Advertisement

बीजेपी ने अब अमेरिका द्वारा रद्द की गई फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में 'बाहरी हस्तक्षेप' करार दिया. बीजेपी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता अमित मालवीय ने एक बयान में कहा, 'वोटर टर्नआउट के लिए $21 मिलियन डॉलर...? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे लाभ होता? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं!' 

Advertisement
Advertisement

अमित मालवीय ने आगे विदेशी ताकतों द्वारा भारतीय संस्थानों में 'व्यवस्थित घुसपैठ' का आरोप लगाया, विशेष रूप से अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस और उनके ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से वैश्विक प्रभाव वाले उनके कथित नेटवर्क को निशाना बनाया. मालवीय ने दावा किया, 'एक बार फिर, यह जॉर्ज सोरोस हैं, जो कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के जाने-माने सहयोगी हैं, जिनकी छाया हमारी चुनावी प्रक्रिया पर मंडरा रही है.'

उन्होंने भारत के चुनाव आयोग और द इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स के बीच विवादास्पद 2012 समझौता ज्ञापन (एमओयू) को भी याद दिलाया, जो सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा एक संगठन है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद ये बजट कटौती का सामना कर रहा है. अमित मालवीय ने कहा, 'विडंबना यह है कि जो लोग भारत के चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें भारत के पूरे चुनाव आयोग को विदेशी ऑपरेटरों को सौंपने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी.' मालवीय के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 'देश के हितों के विरोधी ताकतों को, जो हर मौके पर भारत को कमजोर करना चाहते हैं, भारत के संस्थानों में घुसपैठ को व्यवस्थित रूप से सक्षम बनाया.'

भाजपा का आरोप है कि विदेशी समर्थित नागरिक समाज संगठन और गैर सरकारी संगठन, विशेष रूप से सोरोस से जुड़े लोग, भारतीय राजनीति को प्रभावित करने के लिए काम कर रहे हैं.

Featured Video Of The Day
Top Headlines: Action मोड में Delhi CM Rekha Gupta, Cabinet Meeting में लिए बड़े फैसले | PM Modi |BJP
Topics mentioned in this article