Elon Musk को इस भारतीय कारोबारी ने दी चुनौती, सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाने की है 'ज़िद'  

ओला (Ola) के युवा संस्थापक भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ने इलॉन मस्क (Elon Musk) को सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने के मामले में चुनौती दी है. ओला भारत की सबसे बड़ी राइड-शेयर कंपनी (Ride Sharing Company) है. इसने ऊबर (Uber) जैसी बड़ी और पैसे वाली कंपनी को भारत का टॉप ब्रैंड बनने से रोक रखा.

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ओला (Ola) के भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal ) के तेज गति से काम करने और उनके प्रबंधन के तरीके पर सवाल उठे हैं (File Photo)

भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ओला (Ola) के तेज़-तर्रार संस्थाप के तौर पर जाने जाते हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार, 37 साल के अग्रवाल भारत के सबसे बड़े और मजबूत इच्छाशक्ति वाले एंटप्रिन्योर्स में से एक हैं. भाविश ने करीब 20 साल की उम्र में भारत की सबसे बड़ी राइड-शेयरिंग कंपनी की स्थापना की और ऊबर (Uber) जैसी मोटे पैसे वाली कंपनी को कड़ा मुकाबला दिया और उसे भारत की सबसे बड़ी राइड-शेयरिंग कंपनी बनने से रोका. अब अग्रवाल ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड से इलॉन मस्क की टेस्ला इंक (Tesla Inc) और चीन की बीवायडी (BYD) को जैसी बड़ी कंपनियों को सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मामले में टक्कर देना चाहते हैं.    

लेकिन भाविश अग्रवाल के तेज गति से काम करने और प्रबंधन के तरीके को लेकर सुरक्षा और बिजनेस मॉडल से जुड़े सवाल उठे हैं.  दो दर्जन से अधिक पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों से बात करने के बाद उनकी चिंताएं सामने आईं. उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर बात की.  

सप्लाई चेन की दिक्कत से टू-व्हीलर में देरी हो रही है. बिक्री भी धीमी पड़ी है. कुछ उपभोक्ताओं ने ओला स्कूटर में आग लगने, बैटरी खराब होने और एक्सीडेंट करवाने वाले सॉफ्टवेयर की शिकायत की. इसके कारण ओला को अपने प्रोडक्ट को वापस बुलाना पड़ा था और ट्विटर पर माफी मांगनी पड़ी थी. दो बिलियन डॉलर की मिस्टर अग्रवाल की कंपनी में ज्वाइन करने के एक या दो साल बाद करीब 3 दर्जन से अधिक सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव काम छोड़ कर गए.  यह साथी कंपनियों से कहीं अधिक दर है.   

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पिछले साल कंपनी के भीतर काफी बदलाव हुए और वैश्विक निवेश भी घटा. मिस्टर अग्रवाल ने ओला का आईपीओ प्लान टाल दिया. यह करीब 7.5 बिलियन डॉलर का था. अब ओला इलेक्ट्रिक के भविष्य पर सवाल लटक रहे हैं. कंपनी के भावी और मौजूदा वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कंपनी और उसके संस्थापक भाविश अग्रवाल  के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं. अब भाविश अग्रवाल भारत के लिए इलॉन मस्क का जवाब हो सकते हैं या फिर खुद अपनी ही महत्वकांक्षाओं के बोझ तले दब कर खत्म हो सकते हैं.  

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भाविश अग्रवाल ने कहा था, "सबसे सस्ती टेस्ला $50,000 की है, जिसे दुनिया में अधिकतर लोग नहीं खरीद सकते. लेकिन हमारे पास इलेक्ट्रिक गाड़ियों की क्रांती की अगुवाई करने का मौका है. हम $1000 डॉलर से $50,000  डॉलर के बीच की गाड़ियों का विकल्प दे सकते हैं."

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भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार इस दशक के अंत तक $150 बिलियन से अधिक का हो जाएगा. भाविश अग्रवाल ने इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने के बाद से ही  कंपनी की इलेक्ट्रिक कार डिजाइन और नए बैटरी इनोवेशन सेंटर के बारे में ट्वीट कर करना शुरू कर दिया है.

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ट्रेशन टेकनॉलजी के को फाउडंर नेहा सिंह कहती हैं कि, भाविश EV इंडस्ट्री में वैश्विक मंच पर कुछ बड़ा करना चाहते हैं. हालांकि कुछ शुरुआती सफलता के बाद ओला कोअब भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भारत में बड़े पैमाने का बाजार बनाने के लिए लंबा सफर तय करना है.    
 

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