'ट्रंप ने पाकिस्तान में अपने फैमली बिजनेस के लिए भारत से संबंध तोड़े'... पूर्व अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार का बड़ा दावा

भारत और अमेरिका के बीच हाल के महीनों में संबंध खराब हो गए हैं. वजह है कि ट्रंप प्रशासन ने रूस से रियायती कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ वाला निशाना साधा है.

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जेक सुलिवन ने ट्रंप के फैसले को एक बहुत बड़ी रणनीतिक गलती कहा है
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  • अमेरिका के पूर्व NSA ने ट्रंप पर पाकिस्तान में फैमली बिजनेस के कारण भारत के खिलाफ कदम उठाने का आरोप लगाया है.
  • ट्रंप ने रूस से तेल की खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ लगाया जबकि चीन और यूरोप पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
  • भारत-अमेरिका के बीच रिश्ते ट्रंप के पाकिस्तान पक्षपात और टैरिफ फैसलों के कारण हाल के महीनों में खराब हुए हैं.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिना किसी लॉजिक के भारत के खिलाफ टैरिफ बम फोड़कर नई दिल्ली-वाशिंगटन रिश्तों को तल्ख कर दिया है. अपना पाकिस्तान प्रेम जाहिर किया है. ऐसे में जियोपॉलिटिकल एक्सपर्स्ट्स के दिमाग में यह सवाल कौंध रहा है कि आखिर इसकी वजह क्या है. अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति ट्रंप पर पाकिस्तान में अपने परिवार के व्यापारिक सौदों को फायदा पहुंचाने के लिए भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को खतरे में डालने का आरोप लगाया है. पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल के इस अधिकारी ने वाशिंगटन-नई दिल्ली संबंधों को त्यागने के ट्रंप के कदम को अमेरिका के अपने हितों के लिए "बड़ा रणनीतिक नुकसान" बताया है.

जेक सुलिवन ने एक यूट्यूब चैनल मीडासटच पर बोलते हुए कहा, "दशकों से चले आ रहे द्विदलीय आधार पर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ अपने संबंध बनाने के लिए काम किया है -  वह एक ऐसा देश है जिसके साथ हमें टेक्नोलॉजी, प्रतिभा और इकनॉमिक्स और कई अन्य मुद्दों पर गठबंधन करना चाहिए, और चीन से रणनीतिक खतरे से निपटने के लिए साथ आना चाहिए."

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका अपने संबंधों को मजबूत करने में "महत्वपूर्ण प्रगति" करने में सक्षम रहे हैं. लेकिन अब राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान का पक्ष लेने के लिए इसे दरकिनार कर दिया है. इस पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "ट्रंप परिवार के साथ व्यापारिक समझौते करने की पाकिस्तान की इच्छा के कारण, ट्रंप ने भारत के रिश्ते को किनारे कर दिया है." 

गौरतलब है कि हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के बीच संबंध खराब हो गए हैं. वहज है कि ट्रंप प्रशासन ने रूस से रियायती कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ बम फोड़ा है. दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक चीन और रूसी गैस के सबसे बड़े आयातक यूरोप के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है. इसके अलावा भारत के बार-बार इनकार के बावजूद ट्रंप हालिया सैन्य संघर्ष के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का झूठा श्रेय भी ले रहे हैं.

पूर्व अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि नई दिल्ली के साथ संबंधों को त्यागने का ट्रंप का कदम "अपने आप में एक बड़ा रणनीतिक नुकसान है क्योंकि एक मजबूत अमेरिका-भारत संबंध हमारे हितों को पूरा करता है." उन्होंने कहा कि अब दुनिया का हर दूसरा देश अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकता है और स्थिति को देखेगा और कहा, "कल हमारे साथ भी ऐसा ही हो सकता है."

सुलिवन ने कहा, "और यह केवल आपके (दूसरे देशों) इस विचार को मजूबत करता है कि आपको अमेरिका के खिलाफ अपना बचाव करना है."

उन्होंने कहा, "हम जो बोलते हैं उसपर हमें टिकना चाहिए. हम जो कहते हैं उसको पूरा करने में अच्छा होना चाहिए. हमारे दोस्तों को हम पर भरोसा करने में सक्षम होना चाहिए, और यही हमेशा हमारी ताकत रही है. और अभी भारत के साथ जो हो रहा है उसका सीधा प्रभाव उसपर तो पड़ ही रहा है, लेकिन दुनिया में हमारे सभी रिश्तों और साझेदारियों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है."

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