भारत की जो मर्जी... ट्रंप को टैरिफ वॉर में रूस ने दिखाया आईना, रूसी अखबारों में नई दिल्ली की तारीफ 

Donald Trump Tariff War: रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि किसी भी संप्रभु देश को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को धमकी भी बताया.

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की रूस के साथ व्यापार पर टैरिफ लगाने की धमकी को भारत ने तर्कहीन और अनुचित माना
  • रूस ने कहा कि संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार है और दबाव बनाने की कोशिशें अवैध हैं.
  • भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ को उनके दोहरे मानदंडों के लिए आलोचना करते हुए छह महत्वपूर्ण बिंदु प्रस्तुत किए.
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भारत की जरूरत अपनी, भारत का पैसा अपना, भारत की पार्टनरशिप अपनी… फिर वो रूस से कितना तेल खरीदता है, उसमें तीसरे देश का क्या काम. वो भी भारत पर यह आरोप लगाकर कि भारत यूक्रेन में रूस के जंग की फंडिंग कर रहा है? अगर एक दिन में रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का चुनावी वादा करके कुर्सी पर बैठने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 200 दिन बाद भी ऐसा नहीं कर पाएं तो इसमें भारत की गलती है? अगर भारत का रूस से व्यापार करना इतना ही गलत है तो खुद को मानवाधिकारों का अगुवा बताने वाले अमेरिका और यूरोपीय संघ में शामिल पश्चिमी देश खुद रूस के साथ व्यापार क्यों कर रहे हैं? ट्रंप के टैरिफ अटैक के बीच भारत ने 6 प्वाइंट जारी करके अमेरिका और यूरोपीय संघ को आईना दिखाया था. अब रूस ने भी भारत का पक्ष लेते हुए इन पश्चिमी देशों की पोल खोल दी.

रूस बोला- संप्रभु देश को अपने साझेदार चुनने का हक

भारत ने ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी का अब मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे तर्कहीन और अनुचित करार दिया. अब भारत के इस स्टैंड की रूसी मीडिया ने जमकर तारीफ की है. भारत पर अमेरिकी टैरिफ को पाखंडपूर्ण नीति का तमगा दिया गया है, तो क्रेमलिन (रूसी सरकार) ने भी भारत का खुलकर सपोर्ट किया है.

क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को इस पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि किसी भी संप्रभु देश को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को धमकी भी बताया. बोले, हम कई ऐसे बयान सुनते हैं जो दरअसल धमकियां हैं, देशों को रूस के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ने के लिए मजबूर करने की कोशिशें हैं. हम ऐसे बयानों को लीगल नहीं मानते."

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रूसी मीडिया में भारत के स्टैंड की तारीफ

वहीं रूसी मीडिया ने रणधीर जायसवाल की कही को प्रमुखता से छापा. रशिया टुडे ने शीर्षक दिया- रूस के तेल व्यापार पाखंड पर भारत का पश्चिमी देशों पर पलटवार.

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इस पूरे आर्टिकल में ट्रंप को भारत की ओर से दिए गए जवाब का जिक्र है. लिखा है- भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के दोहरे रवैये की पोल खोली और आंकड़ों के माध्यम से बताया कि यूरोपियन यूनियन और अमेरिका मास्को के साथ व्यापार करते हैं और दूसरे देशों पर अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगा रहे हैं.

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फिर उन 6 प्वाइंट्स का जिक्र है जिसके आधार पर भारत के स्टैंड को रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया है.
 

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बता दें कि सोमवार को भारत ने ट्रंप को आईना दिखाने का काम किया. उनकी धमकी को अनुचित और तर्कहीन करार देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'अमेरिका अब भी रूस से अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायन आयात करता है.'

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा. इसके लिए हमें निशाना बनाया जाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है.

प्रवक्ता ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा, "यूरोपीय संघ ने 2024 में रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का माल और 2023 में 17.2 अरब यूरो का सेवा व्यापार किया था. यह मास्को के साथ भारत के कुल व्यापार से कहीं ज्यादा है. पिछले साल यूरोपीय देशों ने रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात भी रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंचा, जिसमें ऊर्जा के अलावा उर्वरक, रसायन, इस्पात और मशीनरी तक का व्यापार शामिल था."
भारत ने यह भी कहा कि अमेरिका रूस से प्रमुख वस्तुओं का आयात जारी रखे हुए है, जिनमें परमाणु संयंत्रों के लिए यूरेनियम, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम, और विभिन्न रसायन एवं उर्वरक शामिल हैं.

इससे पहले , अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी देने के अंदाज में कहा था कि वह भारत पर टैरिफ बढ़ाएंगे. उन्होंने धमकी दी थी कि अगर मास्को यूक्रेन के साथ एक बड़े शांति समझौते पर सहमत नहीं होता, तो रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा दिए जाएंगे.

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