Donald Trump On China XI Jinping: ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स पर लगाए टैरिफ से चीन को छूट देने की घोषणा की है. टैरिफ की वजह से अमेरिकी लोगों पर अधिक भार पड़ता देख ये फैसला लिया गया है. शुक्रवार देर रात अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा कार्यालय द्वारा एक नोटिस में कहा गया है कि चीन से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने वाले स्मार्टफोन सहित विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर अब टैरिफ नहीं लगेगा. अब तक इन परअतिरिक्त 145 प्रतिशत टैरिफ लग रहा था. सेमीकंडक्टर को भी टैरिफ से बाहर कर दिया गया है. इसके साथ ही मेमोरी कार्ड को भी टैरिफ से बाहर किया गया है.
ट्रंप ने चीन को विशेष रूप से अपने रेसिप्रोकल टैक्स के साथ टारगेट किया था. हाल ही में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आने वाले सामानों पर 125 प्रतिशत का नया शुल्क लगाया गया है, जो इस सप्ताह प्रभावी हुआ है. हालांकि अब ट्रंप ने इसमें कई चीजों पर छूट दे दी है. इनमें हार्ड ड्राइव और कंप्यूटर प्रोसेसर शामिल हैं. ये आम तौर पर अमेरिका में नहीं बनाए जाते हैं. ट्रंप ने सोचा था कि चीन पर टैक्स लगाकर वो अमेरिका के कारोबार को बढ़ा देंगे, मगर किसी भी कारोबार को शुरू करने में समय लगता है और यही कारण है कि ट्रंप को अपने फैसले को वापस लेना पड़ा है.
चीन डरता नहीं
वाशिंगटन और बीजिंग के बीच टकराव और वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के बावजूद, ट्रंप इस बात पर अड़े रहे हैं कि उनकी टैरिफ नीति सही दिशा में है. इस बीच, बीजिंग ने धमकाने वाली चालों के आगे न झुकने की कसम खाई है. तनाव पर अपनी पहली टिप्पणी में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि चीन डरता नहीं है. अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका और चीनी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वार से उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ेंगी और वैश्विक मंदी आ सकती है.
चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रमुख से कहा कि अमेरिकी टैरिफ गरीब देशों को गंभीर नुकसान पहुंचाएंगे. वांग ने डब्ल्यूटीओ प्रमुख नगोजी ओकोंजो-इवेला से बातचीत में कहा, "अमेरिका ने लगातार टैरिफ लगाए हैं, जिससे दुनिया में भारी अनिश्चितता और अस्थिरता आई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर अराजकता पैदा हुई है." व्हाइट हाउस का कहना है कि ट्रंप चीन के साथ समझौता करने के प्रति आशावादी हैं, हालांकि प्रशासन के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे उम्मीद करते हैं कि बीजिंग पहले इस संबंध में संपर्क करेगा.