अमेरिका में रह रहे मुस्लिमों को लेकर कैसा है ट्रंप का रुख? पाकिस्तानी-US बिजनेसमैन ने बताया

बिजनेसमैन और मुस्लिम फॉर ट्रंप के संस्थापक साजिद तरार ने पीटीआई से कहा, "ट्रंप 1.0 और ट्रंप 2.0 के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि उनको मिशिगन के डेट्रायट जैसे शहरों में मुसलमानों का समर्थन हासिल हुआ."

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
वॉशिंगटन:

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यभार संभाल लिया है. इस चुनाव में ट्रंप (Donald Trump) को अमेरिका के लोगों का मजबूत समर्थन मिला है. मुस्लिम समुदाय ने भी ट्रंप 2.0 का मजबूत समर्थन (US Muslims Support Trump) किया है, ये दावा एक पाकिस्तानी अमेरिकी बिजनेसमैन का है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में गाजा जैसे विदेश नीति के मुद्दों पर मुस्लिम समुदाय से मजबूत समर्थन हासिल किया है.

"ट्रंप मुस्लिम विरोधी नहीं"

डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिम विरोधी होने वाली बात को पाकिस्तानी अमेरिकी बिजनेसमैन ने सिरे से खारिज कर दिया. बिजनेसमैन और मुस्लिम फॉर ट्रंप के संस्थापक साजिद तरार ने पीटीआई से कहा, "ट्रंप 1.0 और ट्रंप 2.0 के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि उन्हें मिशिगन के डेट्रायट जैसे शहरों में मुसलमानों से समर्थन हासिल हुआ."

"ट्रंप की विदेश नीति मुस्लिमों को पसंद"

तरार ने कहा कि इस समय ट्रंप को मुसलमानों का भारी समर्थन मिला है. जिस तरह से वह गाजा को संभाल रहे हैं, मुस्लिम अमेरिकी उनके साथ हैं. वे उनके बहुत आभारी हैं. तरार साल 2016 से ट्रंप के समर्थक रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया कि गलत बात फैलाई जा रही है कि ट्रंप मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं हैं. 

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"ट्रंप ने चीन को दिया साफ संकेत"

भारत-अमेरिका रिश्तों पर तरार ने कहा कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल ने संबंधों को फिर से एक्टिव और ऊर्जावान बना दिया है. उन्होंने विदेश मंत्री मार्को रुबियो की क्वाड समकक्षों के साथ हुई पहली बहुपक्षीय बैठक और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक का हवाला देते हुए कहा कि इससे चीन को मजबूत संकेत मिला है. 

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"पाकिस्तान ट्रंप के रडार पर नहीं"

तरार ने जोर देते हुए कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका शांतिदूत बनेगा, दुनिया को एकजुट करेगा और स्वर्णिम युग में जाएगा. पाकिस्तान पर उन्होंने कहा कि यह ट्रंप के रडार पर नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीधे तौर पर ट्रंप के रडार पर नहीं है. लेकिन उनके उद्घाटन भाषण में तालिबान का जिक्र किया गया था. तरार ने कहा कि अब जब तालिबान का नाम आएगा तो पाकिस्तान का जिक्र जरूर होगा. क्योंकि पाकिस्तान अमेरिका का समर्थन करता रहा है लेकिन उसका तालिबान के साथ भी रिश्ता रहा है.
 

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