यूक्रेन जंग के चैप्टर में ट्रंप हर बार फेल! पुतिन वाला सवाल संभल नहीं रहा तो दूसरों को लगे हड़काने

डोनाल्ड ट्रंप धमकी दे रहे हैं कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर की शुरुआत तक यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध बंद नहीं किया तो भारत, चीन से लेकर ब्राजील तक, रूस के व्यापारिक साझेदार देशों पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया जाएगा.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की
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  • डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन 177 दिन बाद भी कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा है.
  • ट्रंप ने रूस के व्यापारिक साझेदार देशों पर सौ प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है यदि पुतिन युद्ध बंद नहीं करते.
  • ट्रंप ने यूक्रेन के लिए नाटो के नए हथियार भेजने की घोषणा की और रूस के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का खुद का घर शीशे का बना है और वो दूसरे के घर पर पत्थर मारने पर तुले हैं. जिस डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा व्हाइट हाउस में लौटने के एक दिन के भीतर रूस और यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कसम खाई थी, आज 177 दिन बाद भी उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. यूक्रेन पर रूसी हमले को शुरु हुए 3 साल 4 महीने से अधिक का वक्त गुजर चुका है और दोनों के बीच जंग लगातार जारी है, शांति समझौते की कहीं से कोई पुख्ता उम्मीद नहीं दिख रही है. बार-बार शांति समझौते में फेल होते ट्रंप अब दूसरे देशों को दोष देते दिख रहे हैं. ट्रंप धमकी दे रहे हैं कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर की शुरुआत तक यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध बंद नहीं किया तो भारत, चीन से लेकर ब्राजील तक, रूस के व्यापारिक साझेदार देशों पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया जाएगा. 

अबतक जंग रोकने में नाकाम साबित हुए ट्रंप और नोबेल का सपना देख रहें

लगभग एक दशक पहले अपने राजनीतिक उत्थान के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन की प्रशंसा की है, वो रूसी राष्ट्रपति को एक "मजबूत नेता" बताते रहे हैं और दावा करते हैं कि पुतिन अक्सर मेरे बारे में "बहुत अच्छी बातें" कहते हैं. लेकिन उन्हीं ट्रंप ने सोमवार को नाटो के रास्ते यूक्रेन के लिए नए हथियार भेजने की घोषणा की और रूस के पार्टनर देशों पर टैरिफ की धमकियां दीं. इसके साथ ही पुतिन के साथ ट्रंप का ‘ब्रोमांस' एक नए निचले स्तर पर पहुंच गया है और हो सकता है कि यह और नीचे जाए.

ट्रंप ने कहा है कि वह पुतिन से 'निराश' हैं, और वो यूक्रेन पर इस तरह हमला करते रहे हैं मानो नेताओं की टेलीफोन बातचीत का 'कोई मतलब ही नहीं है.' ट्रंप ने कहा है, "मैं यह नहीं कहना चाहता कि वह हत्यारे हैं, लेकिन वह एक सख्त आदमी है. यह वर्षों से साबित हो चुका है. उन्होंने कई लोगों को बेवकूफ बनाया है."

अमेरिका के विदेश विभाग में रूस पर पूर्व पॉलिसी मेकर और अब कंजर्वेटिव अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में सीनियर फेलो हीथर कॉनली का कहना है कि, "ट्रंप ने वादा किया था कि वह पुतिन को बातचीत की मेज पर ला सकते हैं, और वह ऐसा करने में विफल रहे हैं." उन्होंने कहा, "उनके द्वारा टैरिफ की धमकी उनकी "हताशा दिखाती है कि वह ऐसा करने में विफल रहे हैं, लेकिन मैं इसे एक बड़े नीतिगत बदलाव के रूप में नहीं देखती."

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जेलेंस्की को खुलेआम जलील करने से पुतिन पर भड़कने तक- ट्रंप कर क्या रहे हैं?

ट्रंप ने 28 फरवरी 2025 को अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ पूरी दुनिया को उस समय चौंका दिया जब उन्होंने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को सार्वजनिक रूप से डांटा. जेलेंस्की को याद दिलाया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के शासन में मिले अरबों डॉलर के हथियारों के लिए उन्हें शुक्रगुजार होना चाहिए. इतना ही नहीं इसके बाद ट्रंप ने कुछ समय के लिए यूक्रेन को भेजी जाने वाली सैन्य और खुफिया सहायता पर भी रोक लगा दी.

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ट्रंप राष्ट्रपति और बिजनेसमैन, अपनी इन चेहरे में फर्क नहीं कर पा रहे हैं. वो खुद को मंझा हुआ डील मेकर मानते हैं और उनके इसी भ्रम को 6 महीले से पुतिन तोड़ रहे हैं.

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ट्रंप के सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम, जिन्होंने रूस पर नए कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव डाला है, ने एक न्यूज चैनल पर आकर कहा है कि "छह महीने से राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन को मेज पर बुलाने की कोशिश की है. लेकिन उसके उलट हमले बढ़े हैं, कम नहीं हुए." 

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पुतिन ट्रंप को कमतर दिखा रहे हैं. खास बात है कि अमेरिकी सरकार के भीतर से मिल रही कड़ी चेतावनियों के बावजूद, ट्रंप ने बार-बार पुतिन पर भरोसा करने की इच्छा दिखाई है. स्टालिन के बाद रूस में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेता पुतिन की राजनीति को फॉलो करने वालों के लिए इस बात की कभी अधिक संभावना नहीं थी कि वह यूक्रेन पर समझौता स्वीकार करेंगे या पश्चिम देशों के साथ एक मेज पर बैठकर काम करेंगे.

पुतिन ने सोवियत संघ के पतन के साथ रूस के प्रभाव के खत्म होने को एक ऐतिहासिक आपदा बताया है और इस विचार को खारिज कर दिया है कि यूक्रेन की अपनी ऐतिहासिक पहचान है. वो यूक्रेन को रूस का ही हिस्सा समझते हैं. हीथर कॉनली कहती हैं कि रूस द्वारा युद्ध के मैदान में छोटी लेकिन लगातार बढ़त हासिल करने और नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को लाने के साथ, पुतिन ने अपने पूरे देश को युद्ध में झोंक दिया है.

उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन का मानना है कि यूक्रेन पीछे हटता जाएगा और पश्चिमी देशों का स्टैंड धीरे-धीरे कमजोर होगा और वह इस जंग को अपनी मेरिट पर जीतेंगे."

एक रिटायर्ड अमेरिकी रियर एडमिरल और सीनेट के नीति सहयोगी, मार्क मोंटगोमरी ने कहा कि पुतिन उस चीज में विश्वास करते थे जिसे TACO- ट्रंप ऑलवेज चिकन्स आउट (ट्रंप डरकर पीछे हट जाते हैं) के रूप में जाना जाता है.

फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज में एक सीनियर रिसर्चर मोंटगोमरी ने कहा, "पुतिन ने सोचा कि वह इसे हर बार सीमा तक ले जा सकते हैं, और उन्हें पता चला कि वह गलत थे… मुझे नहीं लगता कि यह तब तक रुकेगा जब तक पुतिन को हथियारों और आर्थिक चोट का ऐसा दर्द महसूस नहीं होता जिसे वह सहन नहीं कर सकते."

इनपुट- एएफपी

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