अमेरिका : जल्द माता-पिता बनने वाले भारतीय अप्रवासियों पर ट्रंप के नागरिकता आदेश का हो रहा गहरा असर

कैलिफोर्निया के सैन जोस में रहने वाले भारतीय इंजीनियर अक्षस पिसे ने कहा कि इसका सीधा असर हम पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा, अगर यह आदेश लागू हो जाता है तो हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा - "यह एक अनजान चीज है." बता दें कि उनकी पत्नी की इसी महीने की डिलिवरी डेट ड्यू है.

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एच1-बी वीजा के तहत अमेरिका में रह रहे भारतीयो पर इस आदेश का हो रहा गहरा असर.
नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अस्थायी वीजा होल्डर के बच्चों के लिए जन्मसिद्ध नागरिकता पर प्रतिबंध लगाने का कार्यकारी आदेश अमेरिका में अप्रवासियों, खासकर की भारतीयों के लिए एक बड़ा झटका था. हालांकि, कानूनी चुनौती के कारण फिलहाल के लिए इस नीति पर रोक लगा दी गई है लेकिन फिर भी इस नीति ने हजारों भारतीयों को अधर में लटका दिया है, जो जल्द ही माता-पिता बनने वाले हैं. 

एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका में काम कर रहे भारतीय होंगे सबसे ज्याद प्रभावित

एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका में काम कर रहे भारतियों पर इसका गहरा असर हुआ है. कई लोगों को लगा था कि अमेरिका में जन्में उनके बच्चों को अपने आप ही वहां की नागरिकता मिल जाएगी लेकिन ट्रंप द्वारा लाई गई नीति ने उनकी इस उम्मीद को खतरे में डाल दिया है. 

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सैन जोस में रहने वाले भारतीय अक्षय पिसे ने बताई आपबीती

कैलिफोर्निया के सैन जोस में रहने वाले भारतीय इंजीनियर अक्षस पिसे ने कहा कि इसका सीधा असर हम पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा, अगर यह आदेश लागू हो जाता है तो हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा - "यह एक अनजान चीज है." बता दें कि उनकी पत्नी की इसी महीने की डिलिवरी डेट ड्यू है. ड्यू डेट नजदीक आने पर कपल ने जल्दी प्रसव करने के बारे में सोचा लेकिन फिर ऐसा न करने का फैसला किया. नेहा सतपुते ने कहा, "मैं चाहती हूं कि प्राकृति अपना काम करे". वहीं पिसे ने कहा, "मेरी प्राथमिकता सुरक्षित प्रसव और मेरी पत्नी का स्वास्थ्य है. नागरिकता हमारे लिए दूसरे नंबर पर आती है."

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कई पेरेंट्स समय से पहले करा रहे सी-सेक्शन

इस नीति को लागू करने के कारण उतपन्न हुए माहौल के चलते कई माता-पिता ने समय से पहले सी सेक्शन कराने का फैसला किया है, ताकि उनके बच्चे को अमेरिका की नागरिकता मिल सके. लेकिन अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआई) के अध्यक्ष सतीश कथुला ने ऐसा न करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, "ऐसे देश में जहां स्ट्रिक्ट मेडिकल कानून हैं, मैं आपको सलाह देता हूं कि सिर्फ नागरिकता हासिल करने के लिए समय से पहले सी-सेक्शन न कराएं."

प्रियांशी जाजू ने कही ये बात

सैन जोस निवासी प्रियांशी जाजू, ने बीबीसी को बताया, "क्या हमें पासपोर्ट के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क करना होगा? कौन सा वीज़ा लागू होगा? इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है." न्यूयॉर्क स्थित आव्रजन वकील साइरस मेहता ने कहा, "अमेरिकी कानून में यहां जन्मे व्यक्ति को गैर-आप्रवासी का दर्जा देने का कोई प्रावधान नहीं है." जन्मजात नागरिकता के बिना, H-1B धारकों के बच्चों को कानूनी अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है. 

नेहा सतपुते स्थिति को बताया तनावपूर्ण

नेहा सतपुते ने कहा कि अनिश्चितता बहुत तनावपूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि प्रेग्नेंसी पहले से ही तनापूर्ण थी और हमें लगा था कि यहां एक दशक बिताने के बाद चीजें थोड़ी आसान होंगी लेकिन फिर ये सब हो गया. उनके पति ने कहा कि वो कानूनी तौर पर यहां बसे हुए हैं और टैक्स भी देते हैं और इस वजह से उनके बच्चे को अमेरिकी नागरिकता मिलनी चाहिए. 

भारतीय अप्रवासी समूह पर होगा इस आदेश का सबसे ज्यादा प्रभाव

बता दें कि अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े अप्रवासी समूह भारतीय इस आदेश से सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे. पांच मिलियन से ज्यादा लोगों के पास गैर-आप्रवासी वीजा है और नए नियम के तहत, उनके अमेरिका में जन्मे बच्चों को अब नागरिकता नहीं मिलेगी.

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