हार्वर्ड के सरकारी ग्रांट पर ट्रंप का बैन- यूनिवर्सिटी ने झुकने से किया इनकार, कुछ यूं जवाब दिया

अमेरिका के कुछ सबसे प्रमुख यूनिवर्सिटी कैंपस में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने उनपर कड़ी कार्रवाई शुरू की है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में तकरार जारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार और प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच का संघर्ष तीखा होता जा रहा है. ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाले केंद्रीय फंड पर रोक लगा दी है. इसके जवाब में हार्वर्ड ने कहा कि वह "रिसर्च को दबाने के उद्देश्य से किए जा रहे अवैध सरकारी अतिक्रमण" का विरोध करना जारी रखेगा. यानी हार्वर्ड ने साफ शब्दों में कहा है कि यूनिवर्सिटी ट्रंप के दबाव के आगे नहीं झुकेगी.

पिछले साल अप्रैल में देश के कुछ सबसे प्रमुख यूनिवर्सिटी कैंपस में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने उनपर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी. इसी उनके निशाने पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी है जिसने सरकार की मांगों के सामने झुकने से इनकार कर दिया.

शिक्षा सचिव (एडुकेशन सेक्रेटरी) लिंडा मैकमोहन ने हार्वर्ड के प्रेसिडेंट को एक लेटर भेजा और उसे ऑनलाइन पोस्ट किया गया है. इसमें लिखा है कि यूनिवर्सिटी को "अब फेडरल सरकार से अनुदान नहीं मांगना चाहिए, क्योंकि कोई भी अनुदान दिया नहीं जाएगा." उन्होंने आरोप लगाया कि हार्वर्ड "अपने कानूनी दायित्वों, अपने नैतिक और विश्वासी कर्तव्यों, अपनी पारदर्शिता जिम्मेदारियों और अकादमिक कठोरता के किसी भी अंश का पालन करने में विफल रहा है."

इसके बाद एक बयान में, अमेरिका के सबसे अधिक पैसे वाले इस यूनिवर्सिटी ने "जीवन की रक्षा करने वाले रिसर्च और इनोवेशन" के लिए जरूरी फंड को रोकने की प्रशासन की धमकी की निंदा की और कहा कि संघीय फंडिंग रोकने से "अभूतपूर्व और अनुचित नियंत्रण" लागू होगा.

"हार्वर्ड कानून का पालन करना, दृष्टिकोण विविधता के लिए सम्मान को बढ़ावा देना, उसे प्रोत्साहित करना और अपने कम्यूनिटी में यहूदी-विरोधी भावना का मुकाबला करना जारी रखेगा." - हार्वर्ड

हार्वर्ड दुनिया के सभी यूनिवर्सिटी में लगातार हाई रैंक रखने वाले यूनिवर्सिटी में से एक है. उसने कहा कि ट्रंप प्रशासन दरअसल बदला ले रही है क्योंकि उसने 21 अप्रैल को 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक के अनुदान पर संघीय रोक के खिलाफ मुकदमे दायर कर दिया था. इस मुकदमें के तहत 9 बिलियन डॉलर के अनुदान की समीक्षा चल रही थी. ट्रंप प्रशासन से इस यूनिवर्सिटी ने साफ कह दिया था कि वह एडमिशन, फैक्लटी की नियुक्ति और राजनीतिक झुकाव की सरकारी निगरानी की मांग को खारिज करती है. और न ही वह अपने कैंपस में स्टूडेंट्स के एक्टिविज्म पर कोई रोक लगाएगी.

Advertisement

महीनों से, ट्रंप सरकार हार्वर्ड और अमेरिका की अन्य टॉप यूनिवर्सिटिज पर यह आरोप लगाकर उलझी हुई है कि वे यहूदी-विरोधी तत्वों को पनपने दे रहे. सरकारी कार्रवाइयों का असर इन संस्थाओं के बजट, उनके टैक्स-फ्री स्टेट्स और विदेशी छात्रों के एडमिशन पर पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के $2.2 बिलियन फंड पर ट्रंप का ताला, छात्रों की आवाज से राष्ट्रपति का गला क्यों सूख रहा?

Advertisement
Featured Video Of The Day
Weather Update: पहाड़ों से मैदानों तक बारिश-बाढ़ से तबाही, कहीं भूस्खलन तो कहीं जलभराव | X Ray Report
Topics mentioned in this article