अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को जैमिसन ग्रीर को अपना ट्रेड दूत नियुक्त किया. जैमिसन ग्रीर अमेरिका के ट्रंप के आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे. माना जा रहा है कि उनकी ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी में अहम भूमिका होगी. ट्रंप ने सोमवार को एक बयान में कहा कि अवैध इमिग्रेशन और ड्रग्स पर नकेल कसने की अपनी कोशिशों के तहत पदभार संभालते ही वह मैक्सिको, कनाडा और चीन पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे.
ग्रीर के बारे में क्या बोले ट्रंप
ट्रंप ने ग्रीर के बारे में कहा, "मेरे पहले कार्यकाल के दौरान जैमिसन ने अनुचित व्यापारिक तरीकों से निपटने के लिए चीन और अन्य देशों पर टैरिफ लगाने में अहम भूमिका निभाई थी," ग्रीर ने ट्रंप के पहले प्रशासन के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया था. ट्रंप ने अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच व्यापार समझौते को पूरा करने में ग्रीर के अनुभव का भी जिक्र किया.
अमेरिका और चीन में टैरिफ वॉर
ग्रीर हाल ही में कानूनी फर्म किंग एंड स्पाल्डिंग में भागीदार थे. ट्रंप के 2017 से 2021 तक के पहले कार्यकाल के दौरान, अमेरिका ने अरबों डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाए -- खास तौर पर चीन पर, लेकिन इसमें अमेरिका के सहयोगियों भी शामिल रहे. ट्रंप प्रशासन ने चीन के करीब 300 अरब डॉलर के सामानों पर शुल्क लगाया, क्योंकि वाशिंगटन और बीजिंग के बीच टैरिफ युद्ध बढ़ रहा था.
ट्रंप की टैरिफ नीति के लिए अहम ग्रीर
लाइटहाइजर उस समय व्यापारिक बातचीत में अमेरिका के ताकतवर नेता के रूप में उभरे थे, क्योंकि वह बीजिंग की आर्थिक नीतियों में परिवर्तन लाने की कोशिशों में जुटे हुए थे. यदि सीनेट द्वारा इसकी पुष्टि हो जाती है, तो लाइटहाइजर के समर्थक माने जाने वाले ग्रीर को डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लागू करने और व्यापार सौदों पर बातचीत करने का दायित्व सौंपा जाएगा.