दूसरी बार भी महाभियोग में बरी हुए पूर्व US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

ऐसे में ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को दो तिहाई बहुमत नहीं मिल सका है. इससे पहले सीनेट ने 13 फरवरी को ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी करके वोटिंग की थी.

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके दूसरे महाभियोग के मुकदमे में बरी कर दिया गया है.  6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुए दंगे को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया में सीनेट में वोटिंग हुई, जिसमें 57 सीनेटरों ने उन्हें दोषी पाया जबकि 43 सीनेटरों ने उन्हें दोषी नहीं पाया है. ऐसे में ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को दो तिहाई बहुमत नहीं मिल सका है. इससे पहले सीनेट ने 13 फरवरी को ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी करके वोटिंग की थी.

ट्रंप ने इस फैसले का स्वागत किया और अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई को 'अमेरिका के इतिहास में हो रहे सबसे बड़े विचहंट का अगला चरण बताया.' उन्होंने राजनीति में बने रहने और चुनावों में हिस्सा लेने की ओर इशारा देते हुए कहा कि 'मेक अमेरिका ग्रेट का देशभक्त और सुंदर अभियान अभी बस शुरू हुआ है.' ट्रंप व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद से फ्लोरिडा के अपने क्लब में रह रहे हैं.

ट्रायल के दौरान सीनेट के रिपब्लिकन नेता एम मैककोनेल ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई में उनके पक्ष में वोटिंग करने का ऐलान किया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान शनिवार को सदन के अभियोजकों द्वारा अंतिम बहस से पहले कुछ घंटों के लिए कार्यवाही को बाधित कर दिया गया. आश्चर्य की बात है कि वे मुकदमे में गवाहों को बुलाना चाहते थे.

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हाउस के महाभियोग प्रबंधक जेमी रस्किन ने कहा कि वह एक रिपब्लिकन सांसद को एक गवाह के रूप में बुलाना चाहते थे, लेकिन अंत में ट्रंप के बचाव पक्ष के वकीलों के साथ सहमत हुए कि उनकी गवाही में सबूत दर्ज किए जाएं. जानकारी के मुताबिक ट्रंप के वकीलों ने अपने स्वयं के गवाहों को बुलाने के लिए धमकी दी थी, जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेटिक स्पीकर, नैन्सी पेलोसी और अन्य शामिल हैं. सीनेट ने गवाहों को बुलाने की अनुमति देने के लिए 55-45 के अनुपात में मतदान किया, लेकिन सीनेटरों, हाउस अभियोजकों और बचाव पक्ष के वकीलों ने समझौते को खारिज कर दिया, जोकि मुकदमे को खत्म करने के लिए बहस हो रही थी.

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6 जनवरी की घटनाओं के बारे में एक बयान जारी करने के बाद रस्किन चाहते थे कि प्रतिनिधि जेमी हेरेरा बेउटलर गवाही दें. वाशिंगटन राज्य के एक रिपब्लिकन, जैमे हेरेरा बेउटलर 10 रिपब्लिकन सांसदों में से एक थे, जिन्होंने प्रतिनिधि सभा में ट्रंप पर महाभियोग लगाने के लिए वोट दिया था. अपने बयान में, उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन हाउस माइनॉरिटी लीडर केविन मैकार्थी ने ट्रंप को बुलाया था जब हमला जारी था और उन्होंने दंगाइयों को उकसाने के लिए ही बुलाया था.

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हेरेरा बेउटलर ने कहा, “जब मैकार्थी 6 जनवरी को राष्ट्रपति के पास पहुंचे और उनसे सार्वजनिक रूप से और बलपूर्वक दंगे को रोकने के लिए कहा, तो राष्ट्रपति ने शुरू में यह झूठ दोहराया कि यह वामपंथी एंटिफा कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने कांग्रेस पर हमला किया.” महासभा की सदस्या ने कहा, “मैकार्थी ने उस बात का खंडन किया और राष्ट्रपति को बताया कि ये ट्रंप समर्थक थे" उन्होंने कहा, “मैकार्थी के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा: 'ठीक है केविन, मुझे लगता है कि ये लोग चुनाव से ज्यादा परेशान हैं, इसलिए ऐसा कर रहे हैं, जितना आप हैं.”

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बता दें कि, 100 सदस्यीय सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी दोनों के 50-50 सांसद हैं. लेकिन महाभियोग में ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए दो-तिहाई वोट यानी 67 वोट की जरूरत होगी. अगर किसी वजह से टाई होने की स्थिति बन जाती है तो डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस, जो उपराष्ट्रपति भी हैं, अपना वोट डालकर डेमोक्रेट्स को जीत दिला सकती हैं. वैसे, 8 फरवरी को ट्रायल की संवैधानिकता को लेकर जो वोटिंग हुई, उसमें 6 रिपब्लिकन सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ जाकर वोट किया था. लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि 17 रिपब्लिकन सीनेटर ट्रंप के खिलाफ वोट देंगे. वहीं, ट्रंप के समर्थन में सीनेट के अल्पसंख्यक नेता मिच मैकोनेल ने साफ कर दिया है कि वो ट्रंप को दोषमुक्त किये जाने के पक्ष में वोट डालेंगे. सीनेटर ने अपने सहयोगियों को लिखे एक पत्र में इस बात का जिक्र किया है.

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