कोविड-19 के तेजी से प्रसार के बीच लाखों लोगों की जिंदगियों पर मंडरा रहे खतरे में देखते हुए भारतवंशी अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि उन्हें आशा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन फाइजर के सीईओ से बात करेंगे और भारत को कम से कम छह महीने या एक साल के लिए टीकों का निर्माण करने देंगे.
खन्ना अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली से प्रतिनिधित्व करते हैं. वह कोविड-19 टीकों के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बौद्धिक संपदा अधिकार के कारोबार-संबंधित पहलुओं (टीआरआईपीएस) में छूट के भारत और दक्षिण अफ्रीका के अनुरोध के मुखर समर्थक रहे हैं.
खन्ना ने पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत को टीका निर्माण की इजाजत दें। यह दीर्घकालिक रूप से आपके ही हित में बेहतर होगा. यह अमेरिका के लिए अच्छा होगा और भारत की भूमिका के साथ दुनिया के बाकी देशों सहित हमारे हित में होगा.''
फाइजर और मॉडर्ना जैसी कई कंपनियां तथा यूएस चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स जैसे कुछ संगठन इस कदम का विरोध कर रहे हैं.
एक दिन पहले अमेरिकी कारोबार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने दवा कंपनी फाइजर और एस्ट्राजेनेका के सीईओ से टीआरआईपीएस छूट के संबंध में बात की थी. डब्ल्यूटीओ में पांच मई से पहले इस प्रस्ताव के आने की संभावना है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मालूम है कि प्रशासन में वे काफी वरिष्ठ हैं जो इसका समर्थन कर रहे हैं. मुझे आशा है कि राष्ट्रपति कम से कम फाइजर के सीईओ से बात करेंगे और कहेंगे कि भारत में अपनी दीर्घकालिक रणनीति पर विचार करे जो एक बड़ा बाजार है और जो आपके आर्थिक हित में भी है. कम से कम इसमें छह महीने या एक साल की तो छूट दें.''
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और जाने माने समाजसेवी बिल गेट्स ने सोमवार को मीडिया में दिये साक्षात्कार में इस कदम का विरोध किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)