जलवायु कार्रवाई का आधार समानता और जलवायु न्याय होना चाहिए : COP28 में भारत

मंत्री ने जारी जलवायु वार्ता को 'कार्रवाई का सीओपी28' बताते हुए कहा कि यह हानि और क्षति कोष के संचालन के पहले दिन ही स्पष्ट हो गया.

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दुबई:

पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने शनिवार को यहां सीओपी28 में कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि समानता और जलवायु न्याय, जलवायु कार्रवाई का आधार होना चाहिए तथा यह तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब विकसित देश जलवायु परिवर्तन से निपटने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे.

वार्षिक जलवायु सम्मेलन के उच्चस्तरीय खंड में देश का राष्ट्रीय वक्तव्य देते हुए यादव ने भारत के योगदान पर प्रकाश डाला और कहा कि नयी दिल्ली ने 2005 तथा 2019 के बीच अपनी जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता को 33 प्रतिशत कम कर दिया, जिससे लक्ष्य 11 साल पहले ही हासिल हो गया.

यादव ने यह भी कहा कि भारत बढ़ी हुई जलवायु कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए सार्थक और प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के वास्ते ‘ग्लोबल स्टॉकटेक' (जीएसटी) परिणाम को लेकर आशान्वित है.

जीएसटी पेरिस समझौते के लक्ष्यों, विशेष रूप से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की दो साल की समीक्षा है.

मंत्री ने जारी जलवायु वार्ता को 'कार्रवाई का सीओपी28' बताते हुए कहा कि यह हानि और क्षति कोष के संचालन के पहले दिन ही स्पष्ट हो गया.
 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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