रूसी मिसाइल के कचरे से बाल-बाल बची चीन की सैटेलाइट, अमेरिका ने पहले रूस को लगाई थी फटकार

रूस के इस मिसाइल टेस्ट के  बाद अमेरिका के अधिकारियों ने रूस पर "खतरनाक और गैरजिम्मेदार" परीक्षण करने का आरोप लगाया था और कहा था कि इससे अंतरिक्ष में कचरे का बादल बन गया है इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के कर्मचारियों को बचाव के कदम उठाने पड़े. 

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धरती से किसी स्पेसक्राफ्ट को निशाना बनाने वाला यह चौथा टेस्ट था
बीजिंग:

चीन (China) और रूस (Russia) के बीच एंटी सैटेलाइट मिसाइल (Anti Satellite Missile) का कचरा (Space Debris) विवाद की वजह बन सकता है. हाल ही में चीन की एक सैटेलाइट रूसी एंटी सैटेलाइट मिसाइल के कचरे से बाल-बाल बची. चीन के सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी. कुछ समय पहले ही रूस ने इस एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण किया था जिसके बाद अंतरिक्ष में इस मिसाइल के कई छोटे-छोटे टुकड़े फैल गए थे. रूस ने नवंबर में एक मिसाइल टेस्ट में अपनी ही एक पुरानी सैटेलाइट को उड़ा दिया था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कड़ी आलोचना हुई थी क्योंकि धरती की कक्षा में अंतरिक्ष में इससे काफी कचरा फैल गया था.

धरती से किसी स्पेसक्राफ्ट को निशाना बनाने वाला यह चौथा टेस्ट था. इससे अंतरिक्ष में कचरे के 1,500 ऐसे टुकड़े फैल गए जिन्हें ट्रैक किया जा सकता है.

रूस के इस मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिका के अधिकारियों ने रूस पर "खतरनाक और गैरजिम्मेदार" परीक्षण करने का आरोप लगाया था और कहा था कि इससे अंतरिक्ष में कचरे का बादल बन गया है. इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के कर्मचारियों को बचाव के कदम उठाने पड़े.

रूस ने अमेरिका की चिंताओं को खारिज किया था और इस बात से साफ इंकार किया था कि अंतरिक्ष के कचरे से कोई खतरा है लेकिन चीनी सैटलाइट के साथ हुई ताजा घटना कुछ और ही कहानी कहती है.

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ताजा घटनाक्रम में, चीन की त्सिंगहुआ साइंस सैटलाइट (Tsinghua Science Satellite) रूसी सैटेलाइट कचरे के टुकड़े से केवल 14.5 मीटर दूरी पर रह गई थी. चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इसकी जानकारी दी.

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इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि यह "बेहद खतरनाक" घटना मंगलवार को हुई. साथ ही इसमें चीन के अंतरिक्ष अधिकारियों की सोशल मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया जिसे बाद में हटा लिया गया है.

अंतरिक्ष में कचरे के विशेषज्ञ लियु जिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया था कि ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है और अंतरिक्ष में जारी यह उड़ान केवल कुछ मीटर दूर रह गई थी. साथ ही उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के कचरे से टकराने की संभावना बहुत अधिक थी और सैद्धांतिक रूप से बचाव के कदम उठाए जाने की ज़रूरत पड़ी होगी.

केवल कुछ देशों के पास ही उन्नत तकनीक वाले एंटी-सैटलाइट हथियार हैं. रूस के ताजा परीक्षण के बाद अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ की आशंकाएं तेज़ हो गईं थीं जिनमें लेज़र हथियार से लेकर दूसरी सैटलाइट को उड़ाने की क्षमता रखने वाली सैटेलाइट शामिल हैं.

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पिछले साल चीन के स्पेस स्टेशन और एलॉन मस्क की कंपनी SpaceX की सैटलाइट के बीच भिड़त होते-होते बची थी. इसके बाद चीन ने अमेरिका पर अंतरिक्ष में गैरजिम्मेदार और असुरक्षित व्यहवार करने का आरोप लगाया था.

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