सफल लैंडिंग के बाद मंगल ग्रह से चीनी रोवर ने भेजी पहली सेल्फी, दिख रहा ऐसा नजारा..

Chinese Mars Rover Zhurong: शनिवार को मंगल ग्रह पर चीन का पहला रोवर लेकर एक अंतरिक्ष यान ‘लाल’ ग्रह पर उतरा था. यह किसी भी देश द्वारा अपने पहले मंगल मिशन पर उतरने वाला पहला सफल परीक्षण है. इसके साथ ही चीन मंगल ग्रह पर रोवर उतारने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है.

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बीजिंग:

Chinese Mars Rover Zhurong:  पिछले हफ्ते मंगल ग्रह पर ऐतिहासिक और सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद चीनी रोवर Zhurong ने पहली सेल्फी भेजी है. इस तस्वीर में सोलर पैनल और एंटीना साफ-साफ दिख रहा है. इसके अलावा सेल्फी मंगल ग्रह के क्षितिज की ओर भी इशारा कर रहा है. सेल्फी में मंगल ग्रह की मिट्टी भी दिख रही है. चाइना नैशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन (China National Space Administration)  ने बुधवार को रोवर के फ्रंट व्यू की तस्वीरें शेयर की हैं.

शनिवार को मंगल ग्रह पर चीन का पहला रोवर लेकर एक अंतरिक्ष यान ‘लाल' ग्रह पर उतरा था. यह किसी भी देश द्वारा अपने पहले मंगल मिशन पर उतरने वाला पहला सफल परीक्षण है. इसके साथ ही चीन मंगल ग्रह पर रोवर उतारने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है.

इन ब्लैक ऐंड वाइट तस्वीरों में Utopia Planitia दिख रहा है जहां रोवर उतरा है. दूसरी तस्वीर में स्पेसक्राफ्ट के पीछे का हिस्सा दिख रहा है. यह रंगीन तस्वीर है और इसमें खुले हुए सोलर पैनल और ऐंटीना नजर आ रहे हैं. पिछले साल जुलाई में यह लॉन्च हुआ था और फरवरी में मंगल की कक्षा में पहुंचा था.

चीन की बड़ी कामयाबी, मंगल ग्रह पर उतरा पहला रोवर; 240 किलो वजन के साथ इन उपकरणों से है लैस

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ज़ुरोंग (Zhurong) रोवर का नाम एक पौराणिक चीनी अग्नि देवता के नाम पर रखा गया है जो, संयुक्त राज्य अमेरिका के मंगल ग्रह पर उतरे रोवर पर्सवियरेन्स के कुछ महीने बाद मंगल पर उचरा है. इस रोवर की सफल लैंडिंग के बाद चीन में जश्न सा माहौल है. चीन अंतरिक्ष महाशक्ति में इसे एक मील का पत्थर के रूप में मना रहा है.

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मंगल ग्रह पर पहुंचने वाले रोवर का वजन करीब 240 किलोग्राम है, उसमें छह पहिए और चार सौर पैनल हैं तथा वह प्रति घंटे 200 मीटर तक घूम सकता है. इसमें छह वैज्ञानिक उपकरण हैं जिनमें बहु-वर्णीय कैमरा, रडार और एक मौसम संबंधी मापक हैं. इसके मंगल ग्रह पर करीब तीन महीने तक काम करने की संभावना है.

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एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर गए अंतरिक्ष यान ‘तिआनवेन-1' का प्रक्षेपण 23 जुलाई 2020 को किया गया था. सौर मंडल में और अन्वेषण के मकसद से एक मिशन में ही ऑर्बिटिंग (कक्षा की परिक्रमा), लैंडिंग और रोविंग पूरा करने के उद्देश्य से मंगल ग्रह पर पहुंचने की दिशा में यह चीन का पहला कदम है.

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