चीन(China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ( Xi Jinping) ने सोमवार को चेतावनी दी है कि बड़ी शक्तियों के बीच टकराव के "विनाशकारी नतीजे" हो सकते हैं. दावोस ( Davos) फोरम में वर्चुअल माध्यम से विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने यह कहा. कोरोनावायरस महामारी( Coronavirus Pandemic) के कारण लगातार दूसरे साल राजनैतिक और कार्पोरेट महाशक्तियां आमने-सामने मिलने की बजाए ऑनलाइन मिल रही हैं. शी चिनफिंग की स्पीच बहुत कुछ उनकी पिछली साल दी गई स्पीच जैसी ही रही. उन्होंने चीन को एक ऐसे देश के तौर पर भुनाने की कोशिश की जिसने कोरोना पर विजय प्राप्त की हो. 2019 के आखिरी दिनों में सबसे पहले कोरोना वायरस चीन में ही मिला था. साथ ही कोरोना वायरस से लड़ने में मिली सफलता को भुनाने के बाद शी चिनफिंग ने कहा कि चीन इकलौती ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है जो मज़बूती से विकास कर रही है.
शी चिनफिंग ने खुद को बहुपक्षवाद का रक्षक बताया और साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में बड़ी शक्तियों के आपसी संबंध खराब हो सकते हैं. इसी के साथ ही शी चिनफिंग ने आगे कहा, "इतिहास ने बार-बार यह साबित किया है कि आपसी मतभेदों से समस्याएं हल नहीं होतीं. इससे केवल विनाशकारी नतीजे निकलते हैं.''
चीन कोरोना से निपटने के लिए सख्त पॉलिसी अपना रहा है जिसमें ज़ीरो कोविड मामलों का लक्ष्य रखा गया है. महामारी के दौरान की चीन की सीमाएं अधिकतर बाहरियों के लिए बंद रही हैं लेकिन पूरी महामरी के दौरान कुछ निर्माण इकाईयां खुली रहीं. दावोस में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए शी ने कहा कि लगभग एक सदी बाद दुनिया ने ऐसी महामारी से लड़ाई लड़ी है.
शी ने कहा कि कोरोना के तेज़ी से फैलने वाले नए वेरिएंट ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं. इससे वैश्विक उद्योग और और सप्लाई चेन बाधित हुए हैं. शी ने चेताया, कमोडिटी की कीमतें ऊपर जा रही हैं और ऊर्जा की सप्लाई में अड़चनें आ रही हैं.
चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि चीन सीमा पार व्यापार को बढ़ावा के देने के लिए, सप्लाई चेन को सुरक्षित और आसान बनाने के लिए और वैश्विक आर्थिक रिकवरी में तत्पर है. पूरे भाषण में इस बात का कोई ज़िक्र नहीं था कि चीन सख्त सीमा नियम कब आसान बनाएगा. चीन मोटे तौर पर कोरोना वायरस से छुटकारा पा चुका है लेकिन बीजिंग में होने वाले विंटर ओलिंपिक से कुछ पहले चीन के अलग-अलग शहरों में कोरोना वायरस का स्थानीय स्तर पर संक्रमण फिर से पैर पसार रहा है.
शी चिनफिंग भी इस साल कम्युनिटिस्ट पार्टी के नेता के तौर पर तीसरी बार दावेदारी पेश करना चाहते हैं, ऐसे में यह उनकी प्राथमिकता में है कि स्थिरता बनी रहे.