चीन ने चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से नमूने एकत्र करने के लिए अपना चंद्र मिशन "चांग-6" भेजा

चीन के चंद्र मिशन को लॉंग मार्च-5 वाई8 रॉकेट के जरिये अंजाम दिया जा रहा है. यह रॉकेट चीन के हैनान प्रांत के तट पर स्थित वेंचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री को उतारने की अपनी योजना की घोषणा की थी.
बीजिंग:

चीन ने चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से पहली बार नमूने एकत्र करने और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उन्हें पृथ्वी पर लाने के मकसद से शुक्रवार को एक चंद्र अन्वेषण अंतरिक्ष यान को रवाना किया. चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) के अनुसार, चांग-6 मिशन पृथ्वी के कभी सम्मुख नहीं आने वाले चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से नमूने एकत्र करेगा और उन्हें लेकर पृथ्वी पर लौटेगा.

चंद्रमा पर मानव अन्वेषण के इतिहास में ऐसा पहली बार किया जा रहा है. ‘चांग' चंद्र अन्वेषण का नाम चीन की पौराणिक देवी के नाम पर पड़ा है.

चीन के चंद्र मिशन को लॉंग मार्च-5 वाई8 रॉकेट के जरिये अंजाम दिया जा रहा है. यह रॉकेट चीन के हैनान प्रांत के तट पर स्थित वेंचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया. इस मिशन के जरिये चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के नमूने एकत्र करने के बाद उन्हें वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा.

सीएनएसए ने इससे पहले कहा था कि मिशन का उद्देश्य स्वचालित तरीके से नमूने एकत्र करना और फिर चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से उन्हें लेकर लौटने जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों में सफलता हासिल करना है. अंतरिक्ष की एक बड़ी शक्ति चीन ने अतीत में चंद्रमा पर मानव रहित मिशन भेजे हैं जिनमें एक रोवर उतारना भी शामिल है. चीन ने मंगल ग्रह पर भी रोवर भेजे हैं. इससे पहले, चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री को उतारने की अपनी योजना की घोषणा की थी. भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास रोवर उतारने वाला पहला देश है। पिछले साल, भारत का चंद्रयान-3 लैंडर और प्रज्ञान रोवर वहां सफलतापूर्वक उतरा था.

Advertisement
पृथ्वी के सम्मुख कभी न आने वाला चंद्रमा का दूरस्थ हिस्सा रेडियो खगोल विज्ञान एवं अन्य वैज्ञानिक कार्य के लिए उपयोगी है. चूंकि दूरस्थ हिस्सा कभी भी पृथ्वी के सम्मुख नहीं आता, इसलिए संचार संपर्क रखने के लिए एक रिले उपग्रह की जरूरत पड़ती है.

यह पहला मौका है जब चीन ने अपने चंद्र मिशन में अपने मित्र देश पाकिस्तान का एक ऑर्बिटर शामिल किया है. पाकिस्तान से प्राप्त खबरों में इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (आईएसटी) के हवाले से कहा गया है कि उपग्रह आईसीयूबीई-क्यू को चीन के शंघाई विश्वविद्यालय और पाकिस्तान की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी सुपारको के सहयोग से आईएसटी द्वारा डिजाइन एवं विकसित किया गया है. चांग-5 चंद्र अन्वेषण मिशन के जरिये चंद्रमा के नजदीकी हिस्से से पृथ्वी पर नमूने लाये गए थे. चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि नमूनों के विश्लेषण में उन्होंने पाया कि चंद्रमा की सतह पर जल की सूक्ष्म बूंदें हैं.

Advertisement

चीन की योजना भविष्य में चंद्रमा पर एक चंद्र स्टेशन स्थापित करने की भी है. अंतरिक्ष क्षेत्र की एक बड़ी शक्ति चीन ने अतीत में चंद्रमा पर मानव रहित मिशन भेजे हैं, जिनमें एक रोवर उतारना भी शामिल है. चीन ने मंगल ग्रह पर भी रोवर भेजे हैं. भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास रोवर उतारने वाला पहला देश है. पिछले साल, भारत का चंद्रयान-3 लैंडर और प्रज्ञान रोवर वहां सफलतापूर्वक उतरा था. पृथ्वी के सम्मुख कभी न आने वाला चंद्रमा का दूरस्थ हिस्सा रेडियो खगोल विज्ञान एवं अन्य वैज्ञानिक कार्य के लिए उपयोगी है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Gadgets 360 With Technical Guruji: Vivo X200 Series, Poco M7 Pro और Audi A6 e-tron