चीन खुफिया तरीके से इस देश में बना रहा सैन्य ठिकाना, इंडो-पैसिफिक पर हैं बड़े इरादे : रिपोर्ट

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 2019 में लिखा था, "चीन ने एक खुफिया समझौता किया जिससे वो इस ठिकाने का प्रयोग अपनी सेना के लिए कर सकता है. अमेरिका और उसके साथी अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है."

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कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन और चीन के रक्षा मंत्री दोनों ने इस रिपोर्ट को मानने से मना कर दिया था.  
वॉशिंगटन:

चीन (China) कंबोडिया (Cambodia)  में सैन्य इस्तेमाल के लिए नौसेना के लिए ठिकाना बना रहा है. यह चीन का ऐसा दूसरा विदेश में ठिकाना होगा और रणनीतिक तौर पर अहम हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में यह चीन का पहला ऐसा ठिकाना होगा. वॉशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया है कि यह सैन्य मौजूदगी कंबोडिया की उत्तरी हिस्से में रीम नेवल बेस पर होगी जो थाईलैंड की खाड़ी में मौजूद है. यह पूर्वी अफ्रीकी देश जिबूती (Djibouti) के बाद यह  चीन का विदेश में मौजूद इकलौता  सैन्य बेस होगा. रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे बेस पर चीन की सेना तैनात हो सकती है और अमेरिका की सेना की खुफिया निगरानी भी की जा सकती है.  
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नया सैन्य बेस चीन की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वो पूरी दुनिया में वैश्विक शक्ति बनने के लिए अपने सैन्य ठिकाने बनाना चाहता है. अमेरिकी अधिकारियों और विश्लेषकों का कहना है कि चीन  एक ऐसी जगह पर अपना ठिकाना बनाना चाहता है  जहां से वो क्षेत्र पर वो अपना प्रभाव बढ़ा सकता है. 

एक पश्चिमी अधिकारी ने कहा, हमने ये आंकलन किया है कि इंडो-पैसिफिक चीनी नेताों के लिए बेहद ज़रूरी है. चीनी नेता हिंद-प्रशांत में अपने दबदबे को अपना ऐतिहासिक अधिकार मानते हैं. यह कई धुव्रों वाली दुनिया में चीन के उत्थान को देखते हैं और अपने हितों को उस क्षेत्र में पुरजोर तरीके से आगे बढ़ाते हैं जहां वो अपना दबदबा समझते हैं.  

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 2019 में लिखा था, "चीन ने एक खुफिया समझौता किया जिससे वो इस ठिकाने का प्रयोग अपनी सेना के लिए कर सकता है. अमेरिका और उसके साथी अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है."

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हालांकि उस समय कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन और चीन के रक्षा मंत्री दोनों ने इस रिपोर्ट को मानने से मना कर दिया था.  

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एक दूसरे अधिकारी ने द पोस्ट को बताया कि,  " हम पिछले कुछ समय से एक समान पैटर्न देख रहे हैं, जिसमें अंतिम लक्ष्य और चीनी सेना की संलिप्तता दोनों छिपाने की कोशिश की जाती है. मुख्य बात  ये है कि इस ठिकाने का केवल वही प्रयोग करेंगे और उनका एक और देश में इकतरफा अधिकार वाला सैन्य बेस है." 
 

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