ताइवान (Taiwan) में अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi) के पहुंचने के तुरंत बाद गुस्साए चीन (China) ने पलटवार शुरू कर दिया है. स्वशासित ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है. नैन्सी पेलोसी के ताइवान पहुंचे के मिनटों बाद ही चीन ने ताइवान को घेर कर लाइव-फायर मिलिट्री ड्रिल (Live Fire Military Drill) करने की घोषणा की और ताइवान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) के लिए नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा इसलिए भी बड़ा सिरदर्द बन गई है क्यों कि यह कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के चुनाव के लिए एक दशक में दो बार होने वाली मीटिंग से कुछ पहले हो रही है.
शी चिनफिंग पर अपनी मजबूत छवि बनाए रखने का संकट आ गया है. उधर पहले से धराशाई हो रही अर्थव्यस्था को बचाने के लिए चीन अमेरिका से रिश्ते और बिगाड़ भी नहीं सकता है.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, ये हैं कुछ तरीके जिनसे चीन ताइवान पर पलटवार कर रहा है या कर सकता है.
1. मिसाइल टेस्ट, ताइवान के चारों ओर ड्रिल
चीन ने ताइवान के चारों ओर 6 क्षेत्रों में मंगलवार से रविवार तक लाइव-फायर मिलिट्री ड्रिल की घोषणा की है. इनमें से कुछ इलाके ताइवान की समुद्री सीमा का उल्लंघन करते हैं. इससे ताइवान के हवाई ट्रैफिक और जहाजों के आने-जाने पर भी असर पड़ेगा क्योंकि ताइवान जलडमरू दुनिया के सबसे व्यस्त व्यापार रास्तों में से एक है.
2. युद्धक विमानों से धमकी
नैन्सी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के तुरंत बाद चीन ने ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र (southwestern air defense identification zone) में 21 युद्धक विमान भेजे. आज तक चीन की तरफ से अधिकतम युद्धक विमान भेजने की संख्या 56 रही है. चीन इससे और अधिक कर सकता है. ग्लोबल टाइम्स न्यूज़पेपर के अनुसार चीन की सेना ताइवानी सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकती है.
3. रेत, मछली और तकनीक
पेलोसी के ताइवान में उतरने से पहले ही चीन ने ताइवान के कम से कम 100 सप्लायरों से खाद्य आयात रोक दिया. बुधवार को चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी रेत का ताइवान में निर्यात भी रोक दिया. बिना कोई कारण बताए चीन के कस्टम अधिकारियों ने ताइवान की कुछ मछलियों और फलों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया.
इसके साथ ही चीनी संगठनों, कंपनियों और लोगों को बुधवार को ताइवानी कंपनियों के साथ डील करने से प्रतिबंधित कर दिया गया. चीन ताइवान का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. पिछले साल चीन-ताइवान का द्विपक्षीय व्यापार 328.3 बिलियन डॉलर का था. इससे चीन को रणनीतिक बढ़त मिलती है. लेकिन चीन को ताइवान के सेमीकंडक्टरों की ज़रूरत होगी.
4. अलगाववादियों को अपराधी बनाना
चीन ने कहा है कि वो ताइवान के अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराएगा और उन्हें आपराधिक सजा देगा.
5. कूटनीतिक विरोध
चीन के उप विदेश मंत्री शी फेंग ने मंगलवार को अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स को तलब किया और पेलोसी की यात्रा पर खरी-खोटी सुनाई. चीन अमेरिका से अपने राजदूत किंन गैंग को वापस बुला सकता है. पिछले साथ चीन ने ताइवान के मामले पर लिथुआनिया से अपना राजदूत वापस बुला लिया था. 1995 में चीन ने अमेरिका से अपने राजदूत ली दाओयू को वापस बुला लिया था जब ताइवान की तत्कालीन राष्ट्रपति ली ने अमेरिका की यात्रा की थी.
6. साइबर हमले
ताइवान को मंगरवार देर रात साइबर हमलों का सामना करना पड़ा. राष्ट्रपति दफ्तर ने बताया कि करीब 20 मिनट तक उन्हें परेशानी हुई, जो सामान्य से 200 गुणा अधिक थी.
7. किसी द्वीप पर कब्ज़ा जमा सकता है चीन
चीन की सबसे अधिक उकसाने वाली कार्यवाही होगी कि वो ताइवान के किसी बाहरी द्वीप पर कब्जा जमा ले. हालांकि ऐसा होने की संभावना कम है लेकिन चीन शीत युद्ध की शुरुआत में ताइवान के किनमेन द्वीप पर बमबारी कर चुका है.