कनाडा के 4 नागरिकों को चीन ने दी फांसी, कोई सीक्रेट फाइल नहीं चुराई, यह है वजह..

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि चीन ने कनाडा की तरफ से दायर उदारता दिखाने की अपील को खारिज करते हुए हाल के हफ्तों में चार कनाडाई नागरिकों को फांसी दे दी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली
एएफपी
ओटावा, कनाडा:

चीन ने कनाडा के चार नागरिकों को फांसी दे दी है. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने बुधवार, 19 मार्च को कहा कि चीन ने कनाडा की तरफ से दायर उदारता दिखाने की अपील को खारिज करते हुए हाल के हफ्तों में चार कनाडाई नागरिकों को फांसी दे दी है. विदेश मंत्री जोली ने कनाडा की राजधानी ओटावा में मीडिया से से कहा, "हम चीन में कनाडाई लोगों को मिली फांसी की कड़ी निंदा करते हैं." 

विदेश मंत्री ने मरने वालों के परिवारों की तरफ से मिले गोपनीयता बनाए रखने के अनुरोध की वजह से ज्यादा डिटेल्स नहीं दिए.

आखिर क्यों मिली फांसी? चीन ने फैसले को सही बताया

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने ग्लोब एंड मेल अखबार को भेजे एक बयान में फांसी की सजा का बचाव किया है. इसमें चीन की तरफ से संकेत दिया गया था कि कनाडाई लोगों को ड्रग्स के अपराध में दोषी ठहराया गया था. ग्लोब को भेजे गए चीनी दूतावास के बयान में कहा गया है, "ड्रग्स से जुड़े अपराध एक गंभीर अपराध है जिसे दुनिया भर में समाज के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है… चीन हमेशा ड्रग्स से संबंधित अपराधों पर गंभीर दंड लगाता है और ड्रग्स की समस्या के प्रति 'शून्य सहनशीलता' का रवैया रखता है."

विदेश मंत्री जोली ने कहा कि उन्होंने और पूर्व प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, जिन्होंने पिछले हफ्ते पीएम ऑफिस छोड़ दिया था, दोनों ने चीन से उदारता बरतने के लिए कहा था.

बता दें कि चीन फांसी के आंकड़ों को देश के क्लासीफाइड आंकड़ों के रूप में वर्गीकृत करता है, यानी उसे सीक्रेट बनाकर रखता है. आंकड़ा पब्लिक डोमेन में नहीं आने देता. हालांकि एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित कई अधिकार समूहों का मानना ​​है कि चीन में हर साल हजारों लोगों को फांसी दी जाती है. 

गौरतलब है कि हाल के सालों में चीन और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. दिसंबर 2018 में वैंकूवर में अमेरिकी वारंट पर चीन के एक सीनियर दूरसंचार कार्यकारी को गिरफ्तार किया गया था वहीं बीजिंग ने जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों की जवाबी कार्रवाई की थी. इसने दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरे संकट में डाल दिया.

इसके अलावा 2019 और 2021 में कनाडाई चुनावों में चीनी हस्तक्षेप के आरोपों से संबंध और तनावपूर्ण हो गए. जबकि बीजिंग ने इन आरोपों से इनकार किया है. विदेश मंत्री जोली ने 2023 में एक चीनी राजनयिक को देश से निकाल दिया था, जिस पर एक कनाडा के विपक्षी विधायक को निशाना बनाने का आरोप था. यह विधायक बीजिंग में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ-साथ उसके परिवार का भी मुखर आलोचक रहा है. वहीं
दूसरी ओर कनाडा खुद हांगकांग में सुरक्षा कार्रवाई और उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ चीन के व्यवहार की भी आलोचना करता रहा है.

Advertisement


यह भी पढ़ें: चीन जासूसी के आरोप में अपने इंजीनियर को देगा फांसी, जानिए उसने ऐसा क्या लीक कर दिया

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bihar Elections: IIT-Delhi और IIM-Kolkata से पढ़ा है ये उम्मीदवार, देखिए शशांत शेखर से खास बातचीत
Topics mentioned in this article