चीन (China) में कनाडाई-चीनी मूल के अरबपति कारोबारी शीआओ जियान्हुआ (Xiao Jianhua) के खिलाफ चल रहे मुकदमे में कनाडा (Canada) के राजनायिकों को शामिल होने की मंजूरी नहीं दी गई है. चीन में मौजूद कनाडाई दूतावास ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एक दिन पहले ही शीआओ का मुकदमा शुरू हुआ था. साल 2017 में जब हॉन्ग-कॉन्ग (Hong-Kong) के होटल से उनका अपहरण हुआ था तब वो चीन के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक थे. उनके सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के बड़े नेताओं से नज़दीकी रिश्तों की खबरें भी आती थीं. कनाडाई नागरिक शिआओ के गायब होने के बाद से अब तक उनके बारे कोई जानकारी बाहर नहीं आई. केवल सोमवार को दूतावास ने बताया कि उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है.
दूतावास ने मंगलवार को कहा, " कनाडा ने मुकदमे में शामिल होने के लिए कई अर्जियां दीं. लेकिन चीनी अधिकारियों ने हमें वहां उपस्थित होने की मंजूरी नहीं थी."
चीनी अधिकारी अब तक इस मामले को लेकर चुप थे. कथित तौर से यह उस भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का मामला है जिसे सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रपति शी चिनफिंग चला रहे हैं.
सोमवार को मुकदमे के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि "उन्हें हालात की जानकारी नहीं है."
शियाओ का कथित अपहरण ऐसे समय हुआ था जब मेनलैंड चीनी एजेंटों को हॉन्ग-कॉन्ग में काम करने की आजादी नहीं थी. इससे शहर में नागरिकों के जबरन गायब किए जाने का डर बढ़ गया था.
यह वही डर था जो 2019 में हॉन्ग-कॉन्ग में हुए बड़े लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन के कारणों में से एक था. यह विरोध प्रदर्शन चीन के उस बिन के खिलाफ था जो हॉन्ग-कॉन्ग से कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण वाले गैरपारदर्शी न्याय व्यवस्था में प्रत्यपर्ण को मंजूरी देता था.
शियाओ के गायब होने के बाद कथित तौर पर एक बुकस्टोर के पांच लोगों को भी जबरन मेनलैंड चाइना ले जाया गया जिन्होंने चीन के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री छापी थी.
यह किताब विक्रेता बाद में मेनलैंड चीन के टीवी पर दिखे और कई तरह के अपराधों की स्वीकृति कर रहे थे. साल 2019 के प्रदर्शनों के जवाब में चीन ने 2020 में हॉन्ग-कॉन्ग में एक नेशनल सिक्योरिटी लॉ लागू कर दिया. इस कानून ने मेन लैंड चीन के सिक्योरिटी एजेंट्स को हॉन्ग-कॉन्ग में काम करने की मंजूरी दी और इससे हॉन्ग-कॉन्ग और मेन लैंड चीन की अदालतों के बीच का कानूनी अंतर हट गया.