चीन को एक बार फिर से कोरोना वायरस (China Coronavirus Cases) डराने लगा है. चीन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, चीन इस सर्दी में कोविड संक्रमण की तीन संभावित लहरों में से पहली लहर का सामना कर रहा है. इस महीने की शुरुआत में सबसे गंभीर प्रतिबंध (Covid Ban) हटाए जाने के बाद से देश में कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. कोविड टेस्ट में कमी के कारण केस बढ़ गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में अगले कुछ महीनों में 80 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में 2023 में कोविड के मामलों में भयंकर बढ़ोतरी होने से 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो सकती है.
महामारी विज्ञानी वू ज़ुन्यो ने कहा है कि उनका मानना है कि कोरोना संक्रमण में मौजूदा बढ़त जनवरी के मध्य तक चलेगी, जबकि दूसरी लहर 21 जनवरी के आसपास शुरू होगी. इस वक्त देश में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है, जिससे लाखों लोग देश में आते-जाते हैं. ऐसे में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मार्च के बीच आ सकती है. इस समय सभी लोग अपनी छुट्टियां मानकर वापस लौटते हैं. ऐसे में ज्यादा लोग इन्फेक्शन रिपोर्ट कर सकते हैं. डॉक्टर वू ज़ुन्यो की यह टिप्पणी अमेरिका के एक प्रतिष्ठित शोध संस्थान की इस सप्ताह की शुरुआत में आई रिपोर्ट के बाद आई है.
'द हांगकांग पोस्ट' ने बताया कि यह निश्चित है कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए चीनी सरकार ने अपेक्षाकृत "कम तैयारी" की थी. चीन सरकार अब तक मौतों की संख्या पर चुप्पी साधे हुए है. हालांकि, चीनी अधिकारियों ने आने वाले महीनों में कोविड संक्रमणों की लगातार लहरों की चेतावनी दी है, क्योंकि इस महीने की शुरुआत में प्रतिबंध हटने के बाद मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
वहीं, अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन (IHMI) ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि चीन में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना का पीक आएगा. उस समय तक मौतों की संख्या 3 लाख 22 हजार तक पहुंचने की आशंका है. वहीं, अमेरिकी साइंटिस्ट एरिक फेगल-डिंग ने चेतावनी देते हुए कहा कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी यानी करीब 80 करोड़ लोग लोग कोरोना से संक्रमित होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में अब तक वैक्सीनेशन 38% ही हुआ है. 65 की उम्र से अधिक के लोगों में ये 10% ही है. जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी डेवलप नहीं हो पाया. ऐसे में अब लोगों के एक साथ बाहर निकलने के कारण वहां कोरोना विस्फोट तो होना ही था. हालांकि, चीन का दावा है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है.
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