चीन (China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने हिंद-प्रशांत रणनीति (Indo Pacific Strategy) को लेकर अमेरिका (US) पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि एशियाई देशों (Asian Countries) को बाहरी ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. चिनफिंग ने यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के आक्रमण के मद्देनजर कहा कि सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए. चीनी राष्ट्रपति ने वैश्विक सुरक्षा पहल का प्रस्ताव भी रखा है. चिनफिंग ने एशिया वार्षिक सम्मेलन 2022 के बोआओ फोरम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वैश्विक सुरक्षा के लिए छह सूत्री प्रस्ताव का भी उल्लेख किया. चिनफिंग का यह बयान यूक्रेन पर रूसी सेना के आक्रमण को लेकर चीन के रुख को स्पष्ट करता है.
चीन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया है और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के संभावित विस्तार से रूस की सुरक्षा को खतरा होने पर मास्को की चिंताओं का उल्लेख किया है.
चिनफिंग ने अपने प्रस्तावों में कहा कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति को बनाए रखना चाहिए तथा विभिन्न देशों में लोगों द्वारा अपनाई गयी विकास की नीति और सामाजिक प्रणालियों का सम्मान किया जाना चाहिए.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सभी देशों को एक-दूसरे की वैध सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए, अविभाज्य सुरक्षा के सिद्धांत को बनाए रखना चाहिए, एक संतुलित, प्रभावी और टिकाऊ सुरक्षा ढांचे का निर्माण करना चाहिए तथा दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा के महत्व की नीति का विरोध करना चाहिए.''
चिनफिंग ने कहा कि सभी देशों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से आपसी मतभेदों एवं विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने को लेकर प्रतिबद्ध होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सभी देशों को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों ही क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। इसके अलावा क्षेत्रीय विवादों, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और जैव सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों पर एकजुट होकर काम करना चाहिए.
चिनफिंग के इस बयान को विवादित दक्षिण चीन सागर में विभिन्न देशों को चीन के खिलाफ एकजुट करने की अमेरिकी नीति पर कड़ा प्रहार माना जा रहा है.
विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन अपने आक्रामक विस्तार का विरोध करने वाली अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति की आलोचना करता रहा है.
चीन अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड (QUAD) गठबंधन का भी विरोध करता है.