अमेरिका पर ''दोहरे मापदंड'' अपनाने का आरोप लगाते हुए चीन ने उसके अनियंत्रित रॉकेट का मलबा मालदीव के पास हिंद महासागर में गिरने के संबंध में वैश्विक चिंताओं को कम करने का प्रयास किया. चीन के अनियंत्रित हुए रॉकेट ‘लॉन्ग मार्च 5बी' का मलबा रविवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और इसके ज्यादातर अवशेष जल गए तथा मालदीव के पास हिंद महासागर में गिर गए. इससे किसी तरह की क्षति की खबर नहीं है.
हालांकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अनियंत्रित रॉकेट के मलबे को लेकर चीन की आलोचना करते हुए उस पर तय मानकों को पूरा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था. नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने बयान जारी कर कहा था, ‘‘यह साफ है कि चीन अंतरिक्ष के मलबे के संबंध में जिम्मेदार मानकों को पूरा करने में नाकाम रहा है.''
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अमेरिका समेत कुछ अन्य देश इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं जबकि रॉकेट का मलबा वातावरण में दोबारा प्रवेश करने के साथ ही जल गया.
उन्होंने कहा कि चीन मलबे को लेकर करीबी नजर बनाए रहा और मलबे के कारण जमीन पर किसी तरह की क्षति की रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
प्रवक्ता ने कहा, '' इस मुद्दे पर कुछ चुनिंदा मीडिया में किसी तरह की चिंता या गलतफहमी गैर-जरूरी है.'' अमेरिका पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब पूर्व में अमेरिकी रॉकेट के मलबे का मामला था तो अमेरिकी मीडिया ने इसे बेहद ''''हल्के अंदाज'''' में पेश किया जबकि चीन के मामले में विपरीत दृष्टिकोण अपनाया गया.
उल्लेखनीय है कि चीन ने इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने तियांगोंग स्पेस स्टेशन का पहला हिस्सा भेजा था. यह रॉकेट 29 अप्रैल को दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान स्थित वेंगचांग स्पेसक्राफ्ट लॉन्च साइट से प्रक्षेपित किया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)