खालिस्तानियों पर ट्रूडो ने रातोंरात बदल डाली भाषा ? क्या ट्रंप हैं वजह

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कनाडा के पीएम ट्रूडो ने ये बात दिवाली इवेंट के दौरान कही है.ट्रूडो ने उस दौरान कहा ये भी कहा कि कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं लेकिन वो अकेले सिर्फ सिख समुदाय को प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
ट्रूडो ने खालिस्तान को लेकर दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली:

अमेरिका की सत्ता में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी ने कई देशों की चिंता बढ़ा दी. इस लिस्ट में सबसे ऊपर है कनाडा. ट्रंप की सत्ता में वापसी के साथ ही कनाडा के सुर अभी से ही बदले बदले लग रहे हैं. जो ट्रूडो पहले खालिस्तानियों के सपोर्ट में बात करते नहीं थकते थे, जो ट्रूडो ये मानते ही नहीं थे कि खालिस्तानी और दूसरे सिख अलग है. वो अब खुले मंच से इस बात को स्वीकार करते दिख रहे हैं. आपको बता दें कि बीते दिनों कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि प्रो-खालिस्तान अलगाववादी पूरे सिक्ख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कनाडा के पीएम ट्रूडो ने ये बात दिवाली इवेंट के दौरान कही है.ट्रूडो ने उस दौरान कहा ये भी कहा कि कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं लेकिन वो अकेले सिर्फ सिख समुदाय को प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

ट्रंप को दी थी ट्रूडो ने बधाई

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर उन्हें बधाई दी और कनाडा और अमेरिका के बीच दोस्ती की बात कही. ट्रूडो का कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में तीसरा कार्यकाल चल रहा है और ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू हो रहा है. इन दोनों नेताओं के संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं. दोनों सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर कीचड़ भी उछालते रहे हैं. दो माह पहले ही सितंबर में ट्रंप ने अपनी एक किताब में जस्टिन ट्रूडो के बारे में उस अफवाह को हवा दे दी थी जिसमें कहा जाता है कि वे क्यूबा के दिवंगत तानाशाह फिदेल कास्त्रो के बेटे हैं.

कनाडा के हलचल का अंदाजा उसके पीएम जस्टिन ट्रूडो और डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ़्रीलैंड के बयानों से आसानी से लग सकता है.  ये दोनों बुधवार को अपने देश को आश्वस्त करने की कोशिश में लगे रहे कि व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से उस पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने ओटावा में संवाददाताओं से कहा, "हम इसके लिए तैयारी कर रहे थे. हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच यह असाधारण दोस्ती और गठबंधन का फायदा सिर्फ कनाडा ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी हो."

Advertisement

अमेरिका पर निर्भर है कनाडा!

कनाडा के लिए अमेरिका को खुश रखना उसकी बड़ी मजबूरी भी है. मजबूरी इसलिए भी क्योंकि अगर कनाडा ने अमेरिका से पंगा लेने की कोशिश की तो वो पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कनाडा अपने कुल एक्सपोर्ट का करीब-करीब 75 फीसदी हिस्सा अमेरिका ही भेजता है. ऐसे में अगर अमेरिका गुस्सा हुआ तो इसका असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर सीधे तौर पर पड़ेगा. ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद स्थिति को समझते हुए ट्रूडो सरकार ने आनन-फानन में स्पेशल कैबिनेट कमेटी की बैठक भी बुलाई. 

Advertisement

निज्जर की हत्या को लेकर खराब हुए थे भारत से रिश्ते

भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर रिश्ते बिगड़े थे. कनाडा शुरू से ही आरोप लगाता रहा है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत ही जिम्मेदार है. हालांकि, कनाडा के इस आरोप को भारत सरकार ने शुरू से बेबुनियाद बताया है. भारत हमेशा से ही ये साफ कर दिया है कि निज्जर की हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है. कनाडा जो भी आरोप लगा रहा है वो बगैर किसी सबूत और तर्क के हैं. 

Advertisement

कनाडा ने ट्रंप पर क्या कहा?

कनाडाई अधिकारियों ने मंगलवार के चुनाव में ट्रंप को उनकी निर्णायक और ऐतिहासिक जीत की बधाई तो दी थी, लेकिन इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि जलवायु, व्यापार, सुरक्षा और आप्रवासन पर रिपब्लिकन की नीतियां कनाडा को प्रभावित कर सकती हैं. उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ़्रीलैंड ने पत्रकारों से कहा था कि मुझे पता है कि बहुत सारे कनाडाई चिंतित हैं और मैं कनाडावासियों से पूरी ईमानदारी और दृढ़ विश्वास के साथ कहना चाहती हूं कि कनाडा बिल्कुल ठीक होगा. संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं. राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Child Marriage Free India | कविता के जरिए बाल विवाह को समाप्त करने की एक पहल!
Topics mentioned in this article