कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा है कि उनका देश आवास की मांग में वृद्धि को कम करने और बेकाबू हो चुकी प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या सीमित करने की संभावना पर विचार कर रहा है. इस कदम से भारतीय छात्रों पर असर पड़ सकता है.
मिलर की टिप्पणी रविवार को तब आई जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार को स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के प्रवासियों की बढ़ती आबादी का स्वागत करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि देश को आवास की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.
मिलर ने कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बढ़ती संख्या के संदर्भ में कहा, 'यह संख्या परेशान करने वाली है. यह वास्तव में एक ऐसी व्यवस्था है जो नियंत्रण से बाहर हो गई है.'
साल 2022 में कनाडा में अध्ययन परमिट धारकों के मामले में शीर्ष दस देशों में भारत पहले स्थान पर था, जहां से कुल 3,19,000 छात्र थे.
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