ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने मंगलवार को वायरस के डेल्टा स्वरूप के मामलों में वृद्धि के लिये प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा भारत से यात्रियों के आने पर रोक के फैसले को देरी से लागू करने को जिम्मेदार ठहराया. वायरस का यह स्वरूप सबसे पहले भारत में सामने आया था और मामलों में बढ़ोतरी की वजह से ब्रिटेन में लॉकडाउन को चार और हफ्तों के लिये 19 जुलाई तक बढ़ाना पड़ा है.
लेबर शैडो गृह मंत्री निक थॉमस सायमंड्स ने इसे “जॉनसन स्वरूप” करार दिया और भारत को उन देशों की ‘लाल सूची' में शामिल नहीं किये जाने को लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री पर “अविश्वसनीय रूप से लापरवाह” कृत्य का आरोप लगाया जहां से यात्रा पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध था. इस सूची में शामिल देशों से ब्रिटश नागरिकों के लौटने पर उन्हें होटल में अनिवार्य रूप से पृथकवास में रहना पड़ता.
आधिकारिक अनुमान के मुताबिक अप्रैल की शुरुआत से 23 अप्रैल तक भारत को इस सूची में शामिल किये जाने तक भारत से यहां पहुंचे करीब 20 हजार से ज्यादा यात्री डेल्टा स्वरूप से संक्रमित हो सकते हैं. निक थॉमस सायमंड्स ने हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने भाषण में कहा, “यह देरी इसलिये हो रही है क्योंकि विदेशों में पहली बार पहचाने गए वायरस के इस स्वरूप को देश में जड़ें जमाने दी गईं.”
उन्होंने कहा, “यह होने का सिर्फ और सिर्फ एक कारण है- कंजर्वेटिव मंत्रियों का सीमा पर उपायों में बरती गई ढील. उन्होंने पहली बार भारत में सामने आए डेल्टा स्वरूप को यहां जड़ें जमाने दीं. इसे वही कहते हैं जो यह है. इसका आरोप उन्हीं पर डालते हैं जिनके जिम्मे यह होना चाहिए. इस देश में - यह जॉनसन स्वरूप है.”