ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति की संपत्ति पिछले बारह महीनों में कम हो गई है, लेकिन 529 मिलियन पाउंड (668 मिलियन डॉलर) पर वह अभी भी कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस के संकट से मुक्त हैं, जो ब्रिटेन के राजनीतिक एजेंडे पर हावी है.रॉयटर्स के अनुसार संडे टाइम्स द्वारा जारी अमीर लोगों की सूची के अनुसार यह जोड़ी अब 275वें स्थान पर है, पिछले साल के 222वें स्थान की तुलना में नीचे है. माना जा रहा है ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीते कुछ समय में इंफोसिस, इंडिया आई.टी. में उनकी हिस्सेदारी के मूल्य में गिरावट आई है.
प्रधानमंत्री के रूप में, सुनक लगभग 165,000 पाउंड के वार्षिक वेतन के हकदार हैं. जब वह पिछले अक्टूबर में जब सुनक पीएम बने, तो उनकी आय सामान्य सीनेटर से बढ़ी. लेकिन आय में बढ़ोतरी भी उनकी संपत्ति में पिछले साल के अनुमानित 730 मिलियन पाउंड की तुलना में 2023 में 529 मिलियन पाउंड तक की गिरावट को रोक नहीं सकी.
उनकी किस्मत ने उन्हें विपक्षी राजनेताओं को उनपर नियमित हमलों का मौका दे दिया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि सुनक ऐसे समय में आम लोगों के संपर्क से दूर हो गए हैं जब ब्रिटेन में कई लोग और गरीब होते जा रहे हैं.
आलम कुछ ऐसा है कि ब्रिटेन में मुद्रास्फीति 10% से अधिक है और मजदूरी तेजी से नहीं बढ़ रही है. लोगों की घरेलू आय कम हो रही है, और "कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस" पैदा हो रही है, जो सुर्खियों में है. हालांकि, पीएम सुनक ने इस मुद्दे को हल करने के लिए मुद्रास्फीति को आधा करने और अर्थव्यवस्था को विकसित करने का वादा किया है.
पीएम सुनक ने पिछले साल कहा था कि मुझे लगता है हमारे देश में, हम लोगों को उनके बैंक खातों के आधार पर जज नहीं करते बल्कि हम उन्हें उनके चरित्र और उनके कार्यों से आंकते हैं. और हां मैं खुशनसीब हूं कि मैं आज इस हालत में हूं लेकिन मैं ऐसे पैदा नहीं हुआ था.
पिछले साल, सुनक की पत्नी को अप्रैल में अपने "गैर-अधिवासित" कर स्थिति पर आलोचना और जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा था, जिसका मतलब था कि उन्होंने विदेश में अपनी कमाई पर ब्रिटेन में कर का भुगतान नहीं किया था. उसने बाद में उन्होंने अपना स्टेट्स छोड़ दिया था और कहा था कि वह अपनी वैश्विक आय पर ब्रिटिश कर का भुगतान करेंगी.