ब्रिक्स समूह 6 देशों को पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करेगा. ये देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान, अर्जेंटीना, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब हैं. नए सदस्य एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे.
सदस्यता जनवरी 2024 से होगी लागू
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के परिणामों की घोषणा की. उन्होंने कहा, "हम अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं. सदस्यता जनवरी 2024 से लागू होगी."
राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने आगे कहा कि इस शिखर सम्मेलन ने ब्रिक्स, लोगों के बीच आदान-प्रदान और मित्रता एवं सहयोग बढ़ाने के महत्व की पुष्टि की.. हमने जोहान्सबर्ग की दो घोषणाओं को अपनाया, जो वैश्विक आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक महत्व के मामलों पर प्रमुख ब्रिक्स संदेशों को प्रतिबिंबित करती हैं. यह उन साझा मूल्यों और सामान्य हितों को प्रदर्शित करता है जो पांच ब्रिक्स देशों के रूप में हमारे पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का आधार हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी छह देशों का किया स्वागत
रामफोसा की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी छह देशों का स्वागत किया. पीएम मोदी ने कहा, "भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है. भारत का हमेशा मानना रहा है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा..."
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पीएम ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हम समूह के नए सदस्य देशों के साथ काम करके ब्रिक्स को नई गति दे पाएंगे. ब्रिक्स के विस्तार का निर्णय बहुध्रुवीय दुनिया में कई देशों के विश्वास को और मजबूत करेगा.
भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि इस उपलब्धि को पूरी मानवता के लिए एक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.''