पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल जारी है. अभी यह कह पाना बेहद मुश्किल है कि पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? इस बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को चार बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की ओर से सत्ता बंटवारे के लिए दिए गए फार्मूले का खुलासा किया. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष के मुताबिक, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने प्रधानमंत्री पद साझा करने की पेशकश की, दोनों दलों ने चुनाव बाद गठबंधन किया है.
पाक चुनाव में इमरान समर्थित उम्मीदवारों को 265 में से 93 सीटें
पीएमएल-एन और पीपीपी ने शनिवार को एक बैठक की, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए ‘काफी प्रगति' हुई, लेकिन गठबंधन सरकार को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई. जेल में बंद 71 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित बहुमत वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ फरवरी के चुनाव में नेशनल असेंबली की 265 सीटों में से 93 पर जीत हासिल की हैं
बिलावल ने प्रधानमंत्री पद की पेशकश ठुकराई
पीएमएल-एन को 75 सीट पर सफलता मिली है, जबकि पीपीपी 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट मिली है और वह गठबंधन को समर्थन देने को सहमत हो गया है. सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 266 (प्रत्यक्ष निर्वाचित) सदस्यीय नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होंगी. डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, सिंध प्रांत के थट्टा शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए पीपीपी अध्यक्ष बिलावल (35) ने सत्ता बंटवारे को लेकर पीएमएल-एन की ओर से की गई पेशकश का खुलासा किया जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया है.
"मुझे ऐसे प्रधानमंत्री बनना स्वीकार नहीं": बिलावल
बिलावल ने कहा, "मुझसे कहा गया था कि हमें तीन साल के लिए प्रधानमंत्री बनने दीजिए और फिर आप शेष दो वर्षों के लिए प्रधानमंत्री पद ले सकते हैं. मैंने इसके लिए मना कर दिया. मैंने कहा कि मैं इस तरह प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता. अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं, तो ऐसा पाकिस्तान के लोगों द्वारा मुझे चुने जाने के बाद होगा." उन्होंने कहा, "देश में फैल रही आग पर काबू पाने के लिए हमने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी हमारे उम्मीदवार होंगे और जब वह पद संभालेंगे, तो वह इस आग को बुझा देंगे, और केंद्र और प्रांतों को बचाएंगे." उन्होंने कहा कि देश को एक ऐसे राजनीतिक दल की जरूरत है जो लोगों की समस्याओं के बारे में बात करे, उन्होंने कहा कि बढ़ते आर्थिक और राजनीतिक संकट ने समाज को विभाजित कर दिया है. बिलावल ने जोर देकर कहा, "होना यह चाहिए कि राजनेताओं और सभी राजनीतिक दलों को अपने व्यक्तिगत लाभ पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस देश के लोगों के बारे में सोचना चाहिए."
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)