जहां हुआ था 60 लाख यहूदियों का कत्लेआम वहां जर्मनी ने क्यों बनवाया स्मारक, जानें क्या थी इसकी वजह

इस स्मारक को बनाने की मांग जर्मनी के आम लोगों ने भी की थी. उनका मानना था कि नाजियों ने यहूदियों के साथ जो भी किया वो इंसानियत के लिए कहीं से भी सही नहीं था.

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नई दिल्ली:

जर्मनी की राजधानी बर्लिन में बने इस स्मारक को यूरोप में 60 लाख यहूदियों के कत्लेआम की याद में बनवाया गया था. इस स्मारक का अपना एक लंबा इतिहास रहा है. इस स्मारक को बनाने के पीछे की कहानी काफी पुरानी है. कहा जाता है कि 1933 से 1945 तक जब जर्मनी में नाजियों का राज था तो उस दौरान ना सिर्फ जर्मनी में बल्कि पूरे यूरोप में ही लाखों की संख्या में यहूदियों का कत्लेआम किया गया था. इसके बाद जब जर्मनी में लोकतंत्र आया तो उस दौरान ये चर्चा काफी जोर-शोर से चली की क्या जिन यहूदियों को नाजियों ने मौत के घाट उतारा था, उनकी याद में कोई स्मारक नहीं बनाया जाना चाहिए. और लंबी बहस के बाद जर्मनी की सरकार ने इस स्मारक को बनवाने का फैसला किया. ये स्मारक बर्लिन के बीचों बीच स्थित है. इस स्मारक में कंक्रीट के क्यूब आकार की दीवारें बनाई गई हैं. इस स्मारक को देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट यहां आते हैं. 

इस स्मारक के एक तरफ जर्मनी की संसद है तो दूसरी तरफ इजरायल का दूतावास स्थित है. बताया जाता है कि इस स्मारक को बनाने के पीछे का मकसद जिन लोगों को कत्लेआम हुआ उन्हें याद करना तो था ही, साथ ही ये भी बताने की कोशिश गई थी कि इस तरह की घटना कभी दोबारा नहीं होनी चाहिए. नाजियों के जाने के बाद जर्मनी की सरकार ने यहूदियों के कत्लेआम की निंदा की थी और उनकी याद में ही इस स्मारक को बनवाया था.

जर्मनी की सरकार ने उन कत्लेआम को गलत ठहराते हुए उनके प्रति दुख भी जताया था.यही वजह रही कि इजरायल ने जर्मनी की नई सरकार को माफ कर दिया.जर्मनी द्वारा अपनी गलती स्वीकारने के बाद आज जर्मनी और इजरायल के बीच के रिश्ते बहुत मजबूत हैं. आपको बता दें कि इस स्मारक के ठीक नीचे एक म्युजियम भी बनाया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि उस दौर में किस तरह से नाजियों ने यहूदियों के ऊपर अत्याचार किए थे.

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ऐसे हुई थी इस स्मारक को बनाने की पहल

यहूदियों के साथ किए गए कत्लेआम की याद में एक स्मारक बनाए जाने की पहल जर्मनी के लोगों ने भी की थी. 25 जून 1999 को जर्मन संघीय फाउंडेशन की स्थापना करने का निर्णय लिया गया था. इस स्मारक का निर्माण 1 अप्रैल 2003 को शुरू किया गया था. जबकि यह स्मारक 12 मई 2005 को जनता के लिए खोल दिया गया था. यह स्मारक 19000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला एक मैदान है. इस मैदान में 2700 से ज्यादा कंक्रीट ब्लॉक बनाए गए हैं. इस स्मारक का डिजाइन डाग्मर वॉन विल्केन ने तैयार किया था. 
 

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